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पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को इस बात का है सबसे ज्यादा मलाल

क्या आप जानते हैं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को किस बात का सबसे ज्यादा मलाल है. ये बात उनके माता पिता से संबंधित है.

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

क्या आप जानते हैं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को किस बात का सबसे ज्यादा मलाल है. ये बात उनके माता पिता से संबंधित है. कलाम ने कहा, 'माता पिता को 24 घंटे बिजली नहीं मुहैया करा सकने का मुझे अफसोस है.'

कलाम ने कहा कि वो खुश हैं क्योंकि उनके 99 साल के भाई एपीजे एम मरईकयार तमिलनाडु के रामेश्वरम में अपने घर पर अब 24 घंटे बिजली पा रहे हैं और इसका श्रेय तकनीक को जाता है. डॉ. कलाम ने बताया, ‘मेरे पिता जैनुलाब्दीन 103 साल तक जीवित रहे और मां आशियाम्मा 93 साल तक जीवित रहीं. मेरे भाई इस समय 99 साल के हैं. अपने भाई के लिए मैंने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें 24 घंटे बिजली मिले, भले ही पावर कट हो. मैंने एक सोलर पैनल लगवाया हुआ है.’

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लालटेन से रोशन होता था कलाम का घर
कलाम ने कहा, ‘मैं अपने माता पिता को ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं करा सका क्योंकि उस समय ऐसी तकनीक नहीं थी. इसका मुझे सबसे अधिक अफसोस है. घर में सबसे छोटा होने के कारण कलाम की घर में खास जगह थी. जब वह स्कूल में पढ़ रहे थे तो वहां बिजली नहीं थी. उनके घर में लालटेन से रोशनी होती थी और वह भी शाम को सात बजे से लेकर रात नौ बजे तक.

‘रिइग्नाइटिड : साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर’
डॉ. कलाम ने अपनी नई किताब ‘‘रिइग्नाइटिड, साइंटिफिक पाथवेज टू ए ब्राइटर फ्यूचर’ में अपनी जिंदगी के बहुत से अनछुए पहलुओं को पेश किया है. अपने करीबी सहयोगी सृजन पाल सिंह के साथ मिलकर लिखी गई इस किताब में उन्होंने युवाओं को रोबोटिक, एयरोनोटिक्स, न्यूरोसाइंस, पैथोलोजी जैसे विषयों में कैरियर बनाने को लेकर सुझाव भी दिए हैं. कलाम और सिंह पिछले नौ सालों से मिलकर काम कर रहे हैं.

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प्रेरणाओं को बनाएं स्तंभ: कलाम
पेंग्विन द्वारा प्रकाशित किताब में लेखकों ने बच्चों से अपील की है कि वे अपनी छोटी छोटी घटनाओं को प्रेरणा स्तंभ बनाएं ताकि वे अपने भीतर एक नयी आग महसूस कर सकें. यह आग बच्चों के भीतर नये विचारों , नए उद्देश्यों को जन्म देगी और महानता का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी.

1997 में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए गए कलाम कहते हैं कि उनके बचपन के दिनों में अभाव सबसे बड़ी चुनौती था लेकिन उनके माता पिता ने कभी महसूस नहीं होने दिया कि उन्हें सब चीजों का इंतजाम करने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. याद रहे कि 83 वर्षीय कलाम साल 2002 से 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति रहे हैं.

इनपुट PTI

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