
संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को खत्म हो गया. सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के 'रेप इन इंडिया' बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया. बीजेपी ने राहुल गांधी से माफी की मांग की. हंगामे के बीच संसद के दोनों सदनों को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. हालांकि यह सत्र मोदी सरकार के लिए बेहद सफल रहा. सरकार अपने एजेंडे में से एक नागरिकता संशोधन बिल 2019 पास कराने में कामयाब रही, तो इसके अलावा एसीपीजी संशोधन बिल 2019, संविधान संशोधन (126वां) बिल, राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी सम्पत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक, 2019 जैसे बिल भी पास हुए.
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि शीतकालीन सत्र में लोकसभा से 14 और राज्यसभा से 15 बिल पास हुए. वहीं, लोकसभा की उत्पादकता 116 प्रतिशत और राज्यसभा की 100 प्रतिशत रही.
राज्यसभा में थी परीक्षा
2019 में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में आई बीजेपी को लोकसभा में विधेयक पास कराने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, लेकिन असली टेस्ट तो राज्यसभा में था. हालांकि उच्च सदन में पार्टी फ्लोर मैनेजमेंट के दम पर कई अहम बिल को यहां से भी पास कराने में सफल रही.
अन्य पार्टियों के सांसदों को साधने के लिए पार्टी ने इसकी जिम्मेदारी बाकायदा कुछ नेताओं को दी थी, जिसे उन्होंने भरपूर निभाया. राज्यसभा के 250वें सत्र को यादगार बनाते हुए सरकार ने उच्च सदन से 15 बिल पास कराए.
नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधल बिल 2019 का दोनों सदनों से पास होना सरकार के लिए बड़ी जीत रही. नॉर्थ-ईस्ट के कई राज्यों में प्रदर्शन और विपक्ष के विरोध के बीच 3 देशों के 6 धर्म के शरणार्थियों को देने वाला बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हुआ.
राज्यसभा में 83 सांसदों वाली बीजेपी को इस विधेयक को पास कराने के लिए 35 और सांसदों की जरूरत थी, जिसे पार्टी ने आसानी से हासिल कर लिया. इस बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 105 वोट पड़े. गुरुवार देर रात राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून में बदल गया.
एसपीजी संशोधन बिल
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) संशोधन बिल 2019 भी इस सत्र में पास कराने में सरकार सफल रही. हालांकि बिल पर दोनों ही सदनों में हंगामा हुआ. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गांधी परिवार की सुरक्षा कम करने का आरोप लगाया. तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सिर्फ गांधी परिवार की सुरक्षा ही नहीं देश की 130 करोड़ जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी मोदी सरकार की है. परंतु यह जिद करना कि मुझे एसपीजी चाहिए यह जिद मुझे समझ में नहीं आती है.
बता दें कि इस बिल में सिर्फ प्रधानमंत्री को SPG सुरक्षा देने का प्रावधान है और उनके अलावा कोई भी विशिष्ट व्यक्ति इस सुरक्षा कवच का हकदार नहीं होगा. वहीं, प्रधानमंत्री पद से हटने के 5 साल बाद विशिष्ट व्यक्ति से भी यह सुरक्षा वापस ली जाएगी.
दिल्ली के 40 लाख लोगों को फायदा
दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ी जीत हासिल की. सरकार ने दिल्लीवालों को राहत देते हुए राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी सम्पत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक, 2019 को पास कराया.
इस विधेयक के जरिए अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने की व्यवस्था की गई है. इस विधेयक से दिल्ली के 40 लाख निवासियों को फायदा मिलने की उम्मीद है. केन्द्रीय आवासन और शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस विधेयक को पेश किया.
एससी-एसटी आरक्षण से जुड़ा बिल
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने वाला संविधान संशोधन (126वां) बिल संसद से पास हो गया. इस बिल में संसद में एंग्लो इंडियन कोटे के तहत 2 सीटों को भी खत्म करने का प्रावधान है.
एससी-एसटी आरक्षण को बढ़ाने को लेकर सरकार को ज्यादातर दलों का साथ मिला, लेकिन एंग्लो इंडियन कोटे की 2 सीट खत्म करने को लेकर उसे विरोध का सामना करना पड़ा. तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में इसका पुरजोर विरोध किया.
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि एंग्लो इंडियन हमेशा से फॉरवर्ड समुदाय रहा है. ये बहुत छोटा समुदाय है, लेकिन बहुत असरदार है. 3 से 3.5 लाख लोग हैं. पिछले 72 साल में सिर्फ एक एंग्लो इंडियन यहां पर चुनकर भेजा गया. ये सिर्फ ममता बनर्जी ने किया.
और कौन-कौन से प्रमुख बिल हुए पास
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक , 2019
-जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक
-सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019
- कॉरपोरेट कर कम करने संबंधी संशोधन विधेयक
- इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिबंध विधेयक
-केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक
बता दें कि इस बार का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरु हुआ था. शीतकालीन सत्र में इस बार कई मुद्दों को लेकर बहस हुई. प्याज के दामों से लेकर आर्थिक सुस्ती तक कई मुद्दों से इस बार संसद में गरमा गर्मी देखी गई.