
पठानकोट पर हुए आतंकी हमले के बाद पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि बीते शनिवार तड़के 3:23 पर हमले की जानकारी मिली थी. गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस अफसर सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस बल सहित घटनास्थल पर तुरंत रवाना हो गए थे. मंगलवार को पंजाब पुलिस ने पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
उन्होंने कहा कि शायद ये पहला मौका है जब ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही एनएसजी की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई थी. शनिवार सुबह 7 बजे पंजाब के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर भी पठानकोट पहुंच चुके थे. पंजाब पुलिस के साथ मिलकर एनआईए इस हमले की जांच करेगी. यह जांच का विषय है कि कैसे एक नीली बत्ती लगी प्राइवेट कार पठानकोट में चेक प्वाइंट से गुजर गई.
जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ केस दर्ज
डीजीपी ने बताया कि आतंकियों ने जिस गाड़ी को कब्जे में लिया था, उसमें से एक पर्ची बरामद हुई है. इसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लिखा है. मंगलवार को दर्ज की गई एफआईआर में जैश-ए-मोहम्मद का नाम शामिल है. पुलिस को 29 दिसंबर, 2015 को ही अलर्ट मिल गया था. इसके बाद पंजाब के सभी थानों और पुलिस अफसरों के पास अलर्ट जारी कर दिया गया था.
पंजाब पुलिस को मिला था खुफिया अलर्ट
बताते चलें कि पंजाब पुलिस को इस बात की खुफिया सूचना पहले ही मिल गई थी कि नए साल पर आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इस बात का खुलासा पुलिस महकमे की एक चिट्ठी से हुआ था. इसमें लिखा गया था कि करीब 15 आतंकी भारत में घुस चुके हैं. वे नए साल पर कभी भी किसी बड़े आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. उनके निशाने पर देश के प्रमुख संवेदनशील स्थान हैं.