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हत्या के लिए सुपारी देने के आरोपी जेडीयू विधायक अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज गया है.
इससे पहले पटना पुलिस ने बुधवार को चार घंटे तक चले सर्च अभियान के बाद जेडीयू विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार किया. सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने अनंत सिंह के घर से एके-47 और एके-56 जब्त की है.
वहीं, पटना के एसएसपी विकास वैभव ने कहा कि अनंत सिंह के घर से खून में सने कपड़े और 6 खाली मैगजीन मिली हैं. इनसे डीएनए जांच करवाई जाएगी.
एसएसपी ने कहा कि सर्च ऑपरेशन अब बंद कर दिया गया है. पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है. अनंत सिंह के आवास से मिली मैगजीन उनके पार्क में पाई गई.
दूसरी ओर आजतक के साथ खास बातचीत में जेडीयू विधायक अनंत सिंह ने कहा, 'चुनावी समय में यह मुझे फंसाने की साजिश है. जो भी आरोप लगाए गए हैं वे बेबुनियाद हैं. सीनियर एसपी राणा ने अपनी व्यक्तिगत खुन्नस निकाली है. मैं निर्दोष हूं और जांच के बाद यह साफ हो जाएगा.' गौरतलब है कि पुलिस ने अनंत सिंह के तीन ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया था. जेडीयू विधायक अनंत सिंह पर हत्या और अपहरण का आरोप है.
गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह के समर्थकों ने पुलिस का रास्ता रोकने की कोशिश की और जिंदाबाद के नारे लगाते हुए पुलिस की गाड़ी को रोक लिया. पुलिस ने किसी तरह समर्थकों को हटाया लेकिन पुलिस और समर्थकों के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई. पुलिस अनंत सिंह को सचिवालय थाना ले गई.
इससे पहले हत्या की सुपारी देने के आरोपी जेडीयू विधायक अनंत सिंह के घर पटना पुलिस सर्च वारंट के साथ पहुंची. पुलिस के दस्ते में 100 पुलिस वाले, 6 डीएसपी और एसएसपी विकास वैभव शामिल थे. एसएसपी खुद दस्ते की अगुवाई कर रहे थे.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी जेडीयू के विधायक अनंत सिंह का नाम उन चार व्यक्तियों के अपहरण के मामले में आया है, जिनमें से एक की बाद में हत्या कर दी गई थी. पुलिस जहां इस ओर विधायक की भूमिका की जांच की बात कह रही है, वहीं अनंत सिंह का कहना है उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है.
मामले में विधायक का नाम आने के बारे में पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र राणा ने मोतिहारी के एसएसपी का पदभार संभालने से ठीक पहले जानकारी दी है. राणा का तबादला सोमवार रात हुए मामूली फेरबदल में मोतिहारी कर दिया गया है. उनकी जगह पटना में विकास वैभव को लाया गया है.
राणा ने बताया कि चार व्यक्तियों के अपहरण और इनमें से पवन यादव नामक व्यक्ति की हत्या के सिलसिले में 17 जून को चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था. पटना के बाढ़ में गिरफ्तार इन लोगों ने पूछताछ में इस घटना के पीछे मोकामा के विधायक अनंत सिंह का हाथ बताया है.
मैंने तो लड़कों को ढूंढ़ने में मदद की: अनंत सिंह
दूसरी ओर, विधायक अनंत सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, 'मुझे फंसाया गया है. मुझे इस बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी. मैं इनमें से किसी को नहीं जानता. एसएसपी को मुझसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी है. मैंने तो अगवा लोगों को ढूंढ़ने में मदद की थी.' अनंत सिंह ने कहा कि मामले में उनका कोई हाथ नहीं है और उनके राजनीतिक विरोधी उनके खिलाफ चाल चल रहे हैं.
जेडीयू ने किया बचाव
हत्या मामले में जेडीयू भी अनंत सिंह के बचाव में उतर आई है. पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह आरोप शुरुआती स्तर पर लगाए गए हैं. मामले में अभी जांच होनी है. जांच शुरू होने के बाद सभी आरोप गलत साबित होने वाले हैं. पुलिस को पहले अपनी छानबीन पूरी करनी चाहिए. किसी को भी कानून से खेलने का अधिकार नहीं है.
नीतीश सरकार की आलोचना
अनंत सिंह को जेडीयू के बाहुबली के तौर पर जाना जाता है, वहीं एसएसपी जीतेंद्र राणा के अचानक तबादले को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार की आलोचना कर रहा है. जन अधिकार पार्टी के संस्थापक और मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि राणा को सिंह के प्रभाव के चलते पटना से हटाया गया.