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झारखंड में महंगी हुई बिजली, दरों में भारी बढ़ोत्तरी

नयी दरें मई महीने से लागू हो जाएंगी. आयोग ने यह भी कहा है कि सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी देगी. हालांकि, यह कितना होगा यह सरकार तय करेगी. इसके लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ का प्रावधान भी किया है. पिछली बार के के 7 श्रेणियों के मुकाबले इस बार सिर्फ 5 श्रेणी में ही बिजली दर निर्धारित की गई है. जिसमें घरेलू, सिंचाई, व्यवसायिक, औद्योगिक और संस्थागत शामिल हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अजीत तिवारी/धरमबीर सिन्हा
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST

झारखंड में अब बिजली का उपयोग आम लोगों के लिए भारी पड़ने वाला है. झारखंड विद्युत् नियामक आयोग ने घरेलू बिजली की दरों में शहरी क्षेत्रों में लगभग दोगुनी और ग्रामीण क्षेत्रों में तिगुनी वृद्धि करने का ऐलान किया है. हालांकि कमर्शियल श्रेणी में राहत दी गई है.

ये नयी दरें मई महीने से लागू हो जाएंगी. आयोग ने यह भी कहा है कि सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी देगी. हालांकि, यह कितना होगा यह सरकार तय करेगी. इसके लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ का प्रावधान भी किया है. पिछली बार के के 7 श्रेणियों के मुकाबले इस बार सिर्फ 5 श्रेणी में ही बिजली दर निर्धारित की गई है. जिसमें घरेलू, सिंचाई, व्यवसायिक, औद्योगिक और संस्थागत शामिल हैं.

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इस इजाफे के बाद घरेलू श्रेणी की बिजली की कीमत उद्योगों में इस्तेमाल होने वाली बिजली के लगभग बराबर हो जाएगी. वहीं विपक्ष इस वृद्धि के खिलाफ खड़ा हो गया है और इसे मनमाना बताते हुए वापस लेने की मांग कर रहा है.

98 फीसदी महंगी हुई घरेलू बिजली

नई दर के मुताबिक घरेलू बिजली दर में 98 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. जबकि कमर्शियल सेक्टर में 7 फीसद की बढ़ोतरी की गयी है. घरेलू शहरी उपभोक्ताओं को वर्तमान में 200 यूनिट तक के लिए 3 रुपये प्रति यूनिट देने पड़ते हैं जबकि नयी दरों के लागू होने के बाद अब घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 3.00 रुपए की जगह 5.50 रुपए चुकाने होंगे.

वहीं, घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं को अब 1.25 रुपये प्रति यूनिट की जगह 4.40 से 4.75 रुपये प्रति यूनिट चुकाने होंगे. नई दर में इलेक्ट्रिकल व्हीकल का उल्लेख करते हुए इसके पैसे लेकर रिचार्ज करने पर इसे व्यावसायिक श्रेणी का माना गया है.

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ऑनलाइन बिल भुगतान पर 250 रुपये तक की छूट

आयोग ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित समय से पहले और ऑनलाइन पेमेंट पर अधिकतम 250 रुपये तक की छूट देने का भी प्रावधान किया है. आयोग ने पहली बार ओपेन एक्सेस सिस्टम को लागू किया है. इसके तहत जिस क्षेत्र में बिजली वितरण करने वाली दो कम्पनियां होंगी वहां के उपभोक्ता अपने पसंद के कंपनी से बिजली ले सकते हैं.

अगर दूसरे कंपनी के द्वारा बिछाये गए तार से बिजली लेते हैं तो उपभोक्ताओं को व्हीलिंग चार्ज देना होगा. आयोग ने बिजली निगम को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि वे उपभोक्ताओं को क्वालिटी पूर्ण बिजली दे. बिजली वितरण पर आयोग अपनी नजर बनाये रखेगा.

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