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चीन: कोरोनावायरस से निपटने के लिए सेना ने बनाया निगरानी केंद्र, 300 छात्र रखे जाएंगे

चीन में फैसला कोरोनावायरस के कारण वुहान से करीब 300 भारतीय छात्रों को निकाला गया है, जिन्हें मानेसर में सेना द्वारा बनाए गए सुविधा केंद्र में लाया जाएगा और उन्हें अगल रखा जाएगा.

चीन में कोरोनावायरस का कहर (Photo- Aajtak) चीन में कोरोनावायरस का कहर (Photo- Aajtak)
अभि‍षेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

  • चीन में कारोनावायरस का का प्रकोप, 300 भारतीय छात्रों को निकाला गया
  • छात्रों को अलग रखने के लिए मानेसर के पास सुविधा केंद्र बनाया गया

कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद चीन के वुहान से लगभग 300 भारतीय छात्रों को निकाला गया है. उन्हें मानेसर में सेना द्वारा बनाए गए सुविधा केंद्र में लाया जाएगा और अलग-अलग रखा जाएगा. सेना के सूत्रों ने बताया, 'आपातकालीन आवश्यकता को देखते हुए चीन के वुहान से आने वाले लगभग 300 भारतीय छात्रों को अलग रखने के लिए सेना ने मानेसर के पास एक सुविधा केंद्र बनाया है.

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उन छात्रों को यहां दो सप्ताह तक रखा जाएगा. संक्रमण के किसी भी लक्षण को जांचने के लिए डॉक्टर की टीम और स्टाफ के द्वारा छात्रों की निगरानी की जा सकती है.'

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स्क्रीनिंग और अलग रखने की प्रक्रिया में दो चरण होंगे. पहले हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग होगी और उसके बाद मानेसर में छात्रों को अलग कमरे में रखा जाएगा. यदि किसी व्यक्ति को संक्रमित होने का संदेह है, तो उसे बेस अस्पताल दिल्ली छावनी (BHDC) के आइसोलेशन वार्ड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

सेना ने कहा कि हवाई अड्डे पर सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) और हवाई अड्डा स्वास्थ्य प्राधिकरण (एपीएचओ) की संयुक्त टीम द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी. स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें तीन समूहों में बांट दिया जाएगा. बुखार, खांसी और या श्वसन संबंधी परेशानी के लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति को सीधे दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

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14 दिनों में सीफूड का सेवन...

कोई व्यक्ति जिनमें कोरोनावायरस के लक्षण नहीं हैं, लेकिन पिछले 14 दिनों में अगर उसने सीफूड का सेवन किया है, पशु बाजार गया है या किसी संक्रमित चीनी व्यक्ति के संपर्क में आया है तो ऐसे व्यक्ति को भी अलग वाहन में ले जाकर सुविधा केंद्र में बाकी लोगों से अलग रखा जाएगा.

जो लोग ऐसे किसी संपर्क में नहीं आए हैं उन्हें भी अलग रखकर निगरानी की जाएगी. इस सुविधा केंद्र में छात्रों के रहने के अलावा प्रशासनिक लोगों और चिकित्सा सुविधा के लिए अलग-अलग बैरक बनाए गए हैं. बड़े पैमाने पर कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सुविधा केंद्र को 50 छात्रों की क्षमता वाले सेक्टर में विभाजित किया गया है. प्रत्येक बैरक में सब डिवीजन भी बनाए गए हैं. यहां रहने वाले लोगों को आपस में घुलने मिलने नहीं दिया जाएगा.

सभी छात्रों की रोजाना जांच और निगरानी चिकित्सा सुविधा क्षेत्र में की जाएगी. इस दौरान सभी कर्मचारी स्टाफ, देखभाल करने वाले कार्यकर्ता और हाउसकीपिंग स्टाफ को हर समय अपने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (personal protective equipment) पहनने होंगे. इन उपकरणों में मास्क, आई शील्ड, शूज कवर, गाउन और दस्ताने होंगे. यहां आने वाले लोगों और सभी छात्रों को हर समय तीन स्तरीय मास्क पहनने होंगे.

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प्रभारी होगा नॉमिनेटेड अधिकारी

अगर किसी व्यक्ति में 14 दिनों तक संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखते, तो उसे घर जाने दिया जाएगा. इसके साथ आगे की निगरानी के लिए उसके विस्तृत दस्तावेज जिला/राज्य निगरानी इकाइयों को भेजे जाएंगे. जो लोग संक्रमित पाए जाएंगे, उन्हें आगे की मेडिकल ट्रीटमेंट और रिकवरी के लिए दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा.

इस सुविधा केंद्र का प्रभारी एक नॉमिनेटेड अधिकारी होगा. इसके अलावा एक सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ, दो नर्सिंग अधिकारी, एक लेडी मेडिकल अधिकारी और एक नर्सिंग सहायक होगा. केंद्र के अंदर काम करने वाले किसी भी कर्मी को तब तक बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कोई आपातकालीन स्थिति न हो.

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