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इंद्रा नूयी की सफलता आपको भी दे सकती है प्रेरणा...

इंद्रा नूयी उन गिने-चुने लोगों में से एक हैं जिन्‍होंने वैश्‍विक पटल पर भारत का नाम रोशन किया है. इंद्रा की कहानी से आप भी प्रेरणा लीजिए...

इंद्रा नूयी इंद्रा नूयी
मेधा चावला
  • नई दिल्‍ली,
  • 21 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:38 PM IST

पेप्सिको की चेयरमैन इंद्रा नूयी को डोनाल्‍ड ट्रंप ने स्‍ट्रेटजिक एंड पॉलिसी फोरम में शामिल किया है. 61 साल की नूयी अकेली ऐसी भारतीय-अमेरिकी महिला हैं जो इस 19 सदस्‍यीय टीम में शामिल की गई हैं.

दरअसल, इंद्रा नूयी की शख्सियत ही ऐसी है कि कोई भी उनसे प्रेरणा ले सकता है. चेन्‍नई के तमिलभाषी परिवार में जन्‍मी इंद्रा नूयी ने सफलता का लंबा सफर तय किया है.

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IIM से किया MBA
फिजिक्‍स, केमिस्‍ट्री और मैथ्‍स में बैचलर डिग्री ली. फिर IIM कोलकाता से MBA किया. इसके बाद उन्‍होंने दो साल भारत में काम किया.

रिसेप्‍शनिस्‍ट के तौर पर किया काम
येल स्‍कूल ऑफ मैनेजमेंट में पढ़ाई के दौरान वे अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए काम करती थीं. रात से सुबह तक की रिसेप्‍शनिस्‍ट की शिफ्ट इसलिए की जिससे वे अपने पहले जॉब इंटरव्‍यू के दिन पहनने के लिए ड्रेस खरीद सकें.

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ऐसे आईं पेप्सिको में
तीन नौकरियां बदलने के बाद इंद्रा नूयी आखिरकार पेपिस्‍को में गईं और वहीं सेटल हो गईं. 2001 में उन्‍हें प्रमोट कर प्रेजिडेंट बनाया गया और 2006 में वे पहली फीमेल CEO चुनी गईं.

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2007 में इंद्रा नूयी को पद्म भूषण अवार्ड से सम्‍मानित किया गया था. आज भी वे हजारों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्‍त्रोत हैं.

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