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फिर 80 के पार पेट्रोल कीमतें, सरकार ने कहा- GST के तहत लाने की कोशि‍श जारी

पेट्रोल और डीजल की कीमतों से फिलहाल राहत म‍िलती नहीं दिख रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार आ रही बढ़ोतरी के चलते यह बढ़त जारी है. सोमवार को मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 80.10 रुपये पर पहुंच गया है. 

पेट्रोल फिर 80 के पार पेट्रोल फिर 80 के पार
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

पेट्रोल और डीजल की कीमतों से फिलहाल राहत म‍िलती नहीं दिख रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार आ रही बढ़ोतरी के चलते यह बढ़त जारी है. सोमवार को मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 80.10 रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, डीजल के लिए भी यहां लोगों को 67.10 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. इस बीच सरकार ने कहा है कि वह लगातार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोश‍िश में जुटी हुई है.

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सोमवार को पेट्रोल की कीमतें एक बार फिर एक्साइज ड्यूटी घटाए जाने के पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं. डीजल का भी यही हाल है. सोमवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 72.23  पैसे हो गई है. ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल और केरोसीन को जीएसटी के दायरे में लाने की कोश‍िश में जुटी हुई है. इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं;.

उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी परिषद जल्द ही इसको लेकर कोई फैसला ले सकती है. पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर उन्हेांने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं. दूसरी तरफ, राज्यों की तरफ से वसूले जाने वाले वैट की वजह से भी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं.

अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो इससे इन दोनों की कीमतें 50 रुपये के तहत आ सकती हैं. इससे केंद्रीय स्तर पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और राज्यों की तरफ से वसूले जाने वालो वैट से आम आदमी को छुटकारा मिल जाएगा. जीएसटी के तहत इस पर परिषद ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी लगा सकती है.

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इसके साथ ही ये भी संभव है कि सरकार कुछ एक्स्ट्रा सेस भी इसके साथ लगाए. हालांकि फिलहाल इसको लेकर कोई सहमति नहीं बनी है. इससे भले ही आम आदमी को राहत म‍िले, लेक‍िन राज्यों को इससे राजस्व में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. यही वजह है कि सभी राज्य इसके लिए अपनी सहमति देने में समय लगा रहे हैं.

ऐसे में अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाएगा, तो उनकी कमाई में बड़ी कटौती होगी जिसका केंद्र सरकार को कहीं दूसरी जगह से इंतजाम करना होगा. हालांकि, नरेंद्र तनेजा कहते हैं कि अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के अंतर्गत आएंगे तो आम जनता को प्रति लीटर 10 से 15 रुपये की राहत मिल सकती है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद बताया कि भले ही सभी राज्य फिलहाल इसके लिए राजी नहीं हैं, लेक‍िन कांग्रेस पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के लिए तैयार है. इससे राह थोड़ी आसान हो जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि परिषद की अगली बैठक में इसको लेकर कोई फैसला हो सकता है.

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