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संविधान दिवस पर PM मोदी बोले- हम रहें या ना रहें, देश सुरक्षित रहेगा, ऐसी व्यवस्था देंगे

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान में हर चुनौती का समाधान है. ऐसा कोई विषय नहीं जिसकी व्याख्या और दिशा-निर्देश भारतीय संविधान में ना मिलते हों. स्वतंत्रता के बाद जब करोड़ों लोग नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ने का सपना देख रहे हों तो उस समय देश के सामने एक ऐसा संविधान प्रस्तुत करना जो सभी को स्वीकार्य हो आसान काम नहीं था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
सना जैदी/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

संविधान दिवस के मौके पर रविवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन देश के संविधान निर्माताओं को नमन करने का दिन है. उन्होंने कहा कि समय के साथ हमारे संविधान ने हर परीक्षा को पास किया है. हमारा संविधान संवेदनशील और लचीला है. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हम रहें या ना रहें, लेकिन जो व्यवस्था हम देश को देंगे वो सुरक्षित रहेगा.

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पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान में हर चुनौती का समाधान है. ऐसा कोई विषय नहीं जिसकी व्याख्या और दिशा-निर्देश भारतीय संविधान में ना मिलते हों. स्वतंत्रता के बाद जब करोड़ों लोग नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ने का सपना देख रहे हों तो उस समय देश के सामने एक ऐसा संविधान प्रस्तुत करना जो सभी को स्वीकार्य हो आसान काम नहीं था.

पीएम मोदी ने कहा कि इन 68 वर्षों में संविधान ने हमें अभिभावक की तरह सही रास्ते पर चलना सिखाया है. हमारा संविधान जितना जवाबदेह है, उतना सक्षम भी है. मोदी ने कहा कि संविधान की इसी शक्ति को समझते हुए संविधान सभा के अंतरिम चेयरमैन श्री सचिदानंद सिन्हा जी ने कहा था कि मानव द्वारा रचित अगर किसी रचना को अमर कहा जा सकता है तो वो भारत का संविधान है. बाबा साहेब ने कहा था कि ये वर्केबल और फ्लेक्सेबल है, इसमें देश को एकजुट रखने की ताकत है.

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पीएम मोदी ने कहा, बाबा साहेब ने ये भी कहा था कि संविधान के सामने रखकर अगर कुछ गलत होता भी है तो उसमें गलती संविधान की नहीं, बल्कि संविधान का पालन करवा रही संस्था की होगी. संविधान ने देश को लोकतंत्र के रास्ते पर बनाए रखा और उसे भटकने से रोका है.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे नौजवान देश है. इस नौजवान ऊर्जा को दिशा देने के लिए देश की हर संवैधानिक संस्था को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. 21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए और न्यू इंडिया बनाने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा. हमें साथ मिलकर काम करने और एक दूसरे को मजबूत करने का संकल्प लेना होगा.

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