NSG मामले पर चीन को उसी की 'भाषा' में समझाने में जुट गए पीएम मोदी, किया रूस को फोन

'तू डाल डाल तो मैं पात पात...' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब चीन को उसी की भाषा में समझाने की पहल शुरू कर दी है. मामला है न्‍यूक्लियर सप्‍लाई ग्रुप में एंट्री का.

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सबा नाज़

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  • 13 जून 2016,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST

'तू डाल डाल तो मैं पात पात...' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब चीन को उसी की भाषा में समझाने की पहल शुरू कर दी है. मामला है न्‍यूक्लियर सप्‍लाई ग्रुप में एंट्री का.

'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी खबर के मुताबिक चीन की ये मुराद की भारत की एनएसजी में एंट्री न हो, इसे लेकर पीएम मोदी अब सख्‍त हो गए हैं. उन्‍होंने इस बाबत रूस से मदद मांगी है. बकायदा पीएम ने रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की और उनसे कहा कि वह भारत का एनएसजी ग्रुप में एंट्री का समर्थन करता रहे.

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रूस ने बयान जारी कर की फोन की पुष्टि
रूस की तरफ से जारी किए गए बयान में बताया गया है कि, 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शनिवार को फोन आया था. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए व्यापक सहयोग पर बात की, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी भी रही है.' मोदी और पुतिन के बीच जल्द ही मुलाकात होने की संभावना भी जताई जा रही है.

PM मोदी NSG पर समर्थन पाने में जुटे
हाल ही में प्रधानमंत्री को पांच देशों के दौरे के बाद एनएसजी के मुद्दे पर भारत के लिए समर्थन जुटाने में कामयाबी हासिल हुई है. अमेरिका और मैक्सिको ने भारत का एनएसजी पर खुलकर समर्थन किया.

चीन और PAK की साजिश
दरअसल चीन और पाकिस्तान ने भारत की न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में एंट्री रोकने के लिए हाथ मिलाया है. बीजिंग ने पाक का सपोर्ट करते हुए कहा है कि एनएसजी में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को एंट्री मिले या किसी को भी नहीं. चीन ने भारत को रोकने के लिए पाकिस्तान की नॉन-स्टार्टर पोजिशन का इस्तेमाल किया है. एनएसजी के सूत्रों की मानें तो चीन और पाकिस्तान, भारत की एंट्री रोकने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

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