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NDA की बैठक में बोले पीएम मोदी- छोटी पार्टियों को भी साथ लेकर चलें

मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही खत्म होने के बाद बीजेपी के संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को कहा कि 'सभी दलों को साथ लेकर चलने की जरूरत है. छोटे दलों को भी साथ लेकर चलना होगा.'

सबा नाज़/रीमा पाराशर
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 8:28 AM IST

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही खत्म होने के बाद एनडीए के संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 'सभी दलों को साथ लेकर चलने की जरूरत है. छोटे दलों को भी साथ लेकर चलना होगा.' कश्मीर घाटी में अशांति को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि उनकी सरकार के पास छिपाने को कुछ नहीं है और इस स्थिति से निबटने के लिए वह सभी को विश्वास में लेगी.

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सोमवार देर शाम शुरू हुई मीटिंग में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 'हम जीएसटी पर सभी दलों से बात करने की कोशिश करेंगे और साथ ही इसे पारित करने के लिए एक आम सहमति बनाने का भी प्रयास करेंगे.'

संसदीय दल की बैठक में जीएसटी बिल पर पीएम मोदी बोले कि यह बिल पास होना बेहद जरूरी है. यह बिल राष्ट्रीय हित के लिए बहुत अहम है.

एनडीए मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि NDA एकजुट रहे और सभी एक दूसरे का सहयोग करें. जिस तरह सरकार की पॉलिसी चल रही है उसे आगे बढ़ाएं. साथ ही पीएम ने ये भी कहा कि सरकार कश्मीर मसले पर कुछ छिपाना नहीं चाहती. इस मुद्दे पर सबको साथ लेकर चलना चाहती है.

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बैठक में शामिल शिव सेना के नुमाइंदों ने कहा कि पीएम ने नवाज शरीफ के साथ चाय पी ये कोशिश अच्छी थी, लेकिन ये लोगों को अच्छा नहीं लगा. साथ ही प्रधानमंत्री को कश्मीर की अवाम के साथ चाय पर चर्चा करने की सलाह भी दे डाली.

मानसून सत्र के पहले ही दिन सदन में हुई कार्यवाही पर बीजेपी के संसदीय दल की बैठक हो रही है. संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया. इस बार का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र के दौरान मोदी सरकार कई अहम आर्थिक सुधारों को लेकर आगे बढ़ने की तैयारी में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष से कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग की अपील की.

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मानसून सत्र में सभी की निगाहें टिकी रहेंगी जीएसटी विधेयक पर,जिसको लेकर सत्तापक्ष, विपक्ष को साथ लेकर रजामंदी बनाने में जुटा है. मानसून सत्र में कश्मीर हिंसा, अरुणाचल प्रदेश पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, महंगाई और कथित टेलीकॉम घोटाले के छाये रहने की संभावना काफी पहले ही से जताई जा रही थी. जहां एक तरफ कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर मसले पर केंद्र को घेरा वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सदन के पटल से पाकिस्तान, विपक्ष और देश को केंद्र के कश्मीर पर रुख का स्पष्ट संदेश दे दिया.

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