
कोरोना संकट काल में केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान में तेजी ला दी है. यही वजह है कि गुरुवार को निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई. इसकी लॉन्चिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.
-इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सिर्फ कॉमर्शियल कोल माइनिंग के लिए नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोल सेक्टर को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं.
-पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत ने कोल और माइनिंग के सेक्टर को कॉम्पिटिशन, कैपिटल के अलावा भागीदारी और तकनीक के लिए पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है. इन रिफॉर्म्स के बाद अब कोल प्रोडक्शन, पूरा कोल सेक्टर भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा.
- पीएम मोदी ने कहा, ''इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि पर्यावरण की रक्षा का भारत का कमिटमेंट कहीं से भी कमजोर न पड़े. कोल से गैस बनाने के लिए अब बेहतर और आधुनिक टेक्नोलॉजी आ पाएगी, कोल गैसीफिकेशन जैसे कदमों से पर्यावरण की भी रक्षा होगी.''
- पीएम मोदी के मुताबिक हमने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक करीब 100 मिलियन टन कोल को गैसिफाई किया जाए. मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब-करीब 20 हज़ार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे.
-पीएम मोदी ने कहा कि कोल सेक्टर में हो रहे रिफॉर्म, इस सेक्टर में हो रहा निवेश, लोगों के जीवन को, विशेषकर हमारे गरीब और आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को आसान बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा· कोयला निकालने से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक को बेहतर बनाने के लिए जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, उससे भी रोज़गार के अवसर बनेंगे. वहां रहने वालों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी.
- पीएम मोदी ने कहा कि जब हम कोल प्रोडक्शन बढ़ाते हैं तो पावर जेनरेशन बढ़ने के साथ ही स्टील, एल्युमिनियम, फर्टिलाइजर, सीमेंट जैसे तमाम दूसरे सेक्टर्स में प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग पर भी पॉजिटिव इम्पैक्ट होता है. कॉमर्शियल कोल माइनिंग के लिए आज जो ये नीलामी की शुरुआत हो रही है वो हर स्टेकहोल्डर्स के लिए फायदेमंद है. इंडस्ट्रीज को, आपको, अपने बिजनेस, अपने निवेश के लिए अब नए रिसोर्स मिलेंगे, नया मार्केट मिलेगा.
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-हमारे देश में दशकों से कोल सेक्टर को कॉम्पिटिशन से बाहर रखा गया था. पारदर्शिता की एक बहुत बड़ी समस्या थी. जो देश कोल रिजर्व के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हो, वो देश कोल का निर्यात नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है.
-साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए. जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया. ऐसे कदमों के कारण कोल सेक्टर को मजबूती भी मिली.