
दिल्ली में शुक्रवार से यमुना किनारे श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) के विश्व सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. एओएल की 35वीं सालगिरह पर यह भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि इस आयोजन से दुनिया में भारत की अलग छवि बनेगी. उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग का मतलब मैं से हम होना है, दूसरों के काम आना है.
अपने संबोधन में PM मोदी ने कहा-
- इस कार्यक्रम के आयोजन से दुनियाभर में भारत की अलग छवि, अलग छटा बिखरेगी.
- मैं सभी कलाकारों को, कभी साधकों को, सभी कार्यकर्ताओं को दुनिया तक भारत की छवि पहुंचाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं
- सुविधाओं के बीच रहना आर्ट ऑफ लिविंग नहीं है
- मैं से टूटकर हम की ओर चलना ही आर्ट ऑफ लिविंग है
- हमने उपनिषद से उपग्रह की यात्रा की है
- जब अपने लिए नहीं औरों के लिए जीते हैं तब आर्ट ऑफ लिविंग चाहिए
- जब संकटों से जूझते हैं तब आर्ट ऑफ लिविंग चाहिए
- सुविधा और सरलता के बीच जीने से आर्ट नहीं होता
- इस आयोजन से विश्व में भारत को नई पहचान मिली है
- ये धरती ऐसी है जहां हर पहर का अलग संगीत है
- तन को डुलाने वाला संगीत बाजार में भरा पड़ा है, लेकिन मन को डुलाने वाला संगीत भारत में है
- ये कला का कुंभ है
- मैं ऐसे आयोजन के लिए श्रीश्री रविशंकर जी का अभिंनदन करता हूं
- हमें अपने देश पर, अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए
- लेकिन यह तभी होगा जब हमें अपने देश से प्रेम होगा
- दुनिया को मानवीय मूल्यों से भी जोड़ा जा सकता है
- भारत के पास सांस्कृति विरासत है
- भारत के पास दुनिया को देने के लिए क्या कुछ नहीं है?
'अच्छा काम करना हो तो विघ्न आते ही हैं'
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कला और संस्कृति के महत्व की बात करते हुए सभी 155 देशों से आए लोगों और राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया. उन्होंने कहा, 'किसी ने कहा गुरुजी की प्राइवट पार्टी है. मैंने कहा बिलकुल पूरा विश्व मेरा परिवार है. जीवन को उत्सव में बदलना एक कला है. कोई अच्छा काम करना होता है तो विघ्न आते है. लेकिन उसको पर करके जो फल मिलता है, वो बहुत मीठा होता है.'
हालांकि, दिल्ली में जोरदार बारिश के कारण कार्यक्रम तय समय से शुरू नहीं हो सका. बावजूद इसके कलाकारों में उत्साह बरकार है. मुख्य मंच के सामने बड़ी संख्या में देश-दुनिया के कलाकार रंग-बिरंगी प्रस्तुतियां दीं.
समारोह की शुरुआत में 1000 से अधिक पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच मंच पर मौजूद अतिथियों का स्वागत किया गया. कार्यक्रम में 155 देशों के लोग शिरकत कर रहे हैं.
इस दौरान एक साथ 1700 कलाकारों ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी.
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एनजीटी से पर्यावरण नुकसान को लेकर लड़ाई में श्रीश्री को भले ही जुर्माने के साथ कार्यक्रम की अनुमति मिल गई है, लेकिन मौसम इसमें आगे भी खलल डाल सकता है. अगले 3 दिन तक राष्ट्रीय राजधानी में मौसम सुधरने के आसार नहीं हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एओएल पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया है. इस रकम को चुकाने के लिए 4 हफ्तों को समय मिला है, जबकि शुक्रवार शाम तक 25 लाख रुपये जमा करने हैं.
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सात एकड़ में सजा है मंच
श्रीश्री के इस मेगा शो का थीम वसुधैव कुटुंबकम रखा गया है. कार्यक्रम में 20,000 दिग्गज हस्तियों के साथ 155 देशों के मेहमान शामिल हो रहे हैं. बताया जाता है कि तीन दिनों में करीब 35 लाख लोग देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. कार्यक्रम की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसलिए 10,000 जवानों की तैनाती की गई है. कार्यक्रम का मंच सात एकड़ में सजा है, जबकि कार्यक्रम के लिए यमुना किनारे 1000 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया गया है.
आयोजन स्थल पर 9 गुंबदों का निर्माण किया गया है, जबकि शाम ढलते ही रंग-बिरंगी रोशनी के लिए हाईटेक तैयारी की गई है. दर्शकों के लिए आखिरी पंक्ति तक एलईडी स्क्रीन लगाए गए हैं.
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ट्रैफिक पर पड़ेगा असर
आयोजन स्थल पर सिर्फ स्टीकर वाली गाड़ियों को अंदर जाने की इजाजत दी जा रही है. जबकि आयोजकों ने लोगों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल की अपील की है. दिल्ली की सड़कों पर शुक्रवार, शनिवार और रविवार को जाम लगने की संभावना है. श्रीश्री के मेगा शो के अलावा राजधानी में 20 हजार से अधिक शादियां होनी हैं. इसके साथ ही राधा स्वामी सत्संग में भी जन सैलाब उमड़ने की संभावना है. एहतियातन पुलिस ने कई रास्तों पर डायवर्जन लगा दिया है. ट्रैफिक के लिए पुलिस की तरफ से खास इंतजाम किए गए हैं, जबकि मयूर विहार फेज वन और मयूर विहार एक्सटेंशन की ओर कार्यक्रम स्थल के आस-पास कई रूटों में बदलाव किया गया है.