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PM मोदी का सबसे ताजा इंटरव्यू, इन 7 मामलों पर बताया क्या मिला था, क्या किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि निजीकरण से घबराने के आरोप सरासर गलत हैं. उन्होंने कहा- हमने अहम विनिवेश किए हैं. हमने कैबिनेट स्तर पर न केवल एअर इंडिया बल्कि घाटे में जा रहे दूसरी पब्लिक सेक्टर यूनिट को बेचने का रास्ता साफ कर दिया था. बस हम इन्हें घाटे में नहीं बेचना चाहते.

पीएम मोदी (फाइल फोटो) पीएम मोदी (फाइल फोटो)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST

बीजेपी 2019 से पहले अब चुनावी मोड में आ चुकी है और सरकार अपनी नीतियों को प्रचारित करने में लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीच एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में तमाम मोर्चों पर सरकार की सफलता और भविष्य की योजनाओं का खाका पेश किया.

पीएम मोदी ने रोजगार, अर्थव्यवस्था, कारोबार और किसानों के मुद्दे पर सवालों के जवाब दिए हैं. पढ़ें, सात मुद्दों पर पीएम ने कैसे अपनी सरकार का पक्ष रखा है.

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1- कॉर्पोरेट सेक्टर को मौका देने पर- कॉर्पोरेट सेक्टर भारत के विकास में मदद कर सकता है. उदाहरण के तौर पर कृषि के क्षेत्र में कॉर्पोरेट सेक्टर की उपस्थिति काफी कम है. हम इस क्षेत्र में बदलाव कर सकते हैं. रक्षा क्षेत्र में भारतीय एंटरप्राइज और एफडीआई की जरूरत है.

2- बैंकों के मर्जर पर पीएम ने कहा- हमारी सरकार से पहले सिर्फ मर्जर की बात होती थी, हमने इस दिशा में काम किया है. हमने पांच बैंकों का मर्जर किया है.

3- निजीकरण से पीछे हटने पर- निजीकरण से घबराने के आरोप सरासर गलत हैं. हमने अहम विनिवेश किए हैं. हमने कैबिनेट स्तर पर न केवल एअर इंडिया बल्कि घाटे में जा रहे दूसरी पब्लिक सेक्टर यूनिट को बेचने का रास्ता साफ कर दिया था. बस हम इन्हें घाटे में नहीं बेचना चाहते.

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4- मिनिमम गवर्नेंट पर- लोगों को सरकारों पर भरोसा कम करना चाहिए. सरकार को मौके उपलब्ध कराने चाहिए. इसके लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और लालफीताशाही को कम किया गया है.

5- अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर- जिस वक्त हमारी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब अर्थव्यवस्था की हालत बेहत खराब थी. यूपीए सरकार के समय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से दिए गए बजट के आंकड़े भी शक के दायरे में थे. चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के बारे में कभी सही बयान नहीं दिया लेकिन बीजेपी सरकार ने कभी आंकड़ों पर राजनीति नहीं की क्योंकि इनसे देश की जनता को कई और झटके लग सकते थे.

6- नौकरियों की नहीं, आंकड़ों की कमी पर- सरकार ने बीते 4 साल के भीतर रोजगार के कई नए मौके दिए हैं लेकिन आंकड़ों की कमी की वजह से विपक्ष सरकार को घेरने का अवसर पा लेता है. सरकार ने सड़क परिवहन, रेलवे, एयरलाइंस और कई तरह के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में विकास किया है और इसी वजह से रोजगार के पर्याप्त मौकों में भी बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल 70 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं हैं और गरीबी भी घटी, लेकिन क्या बगैर नौकरियां पैदा किए हुए ऐसा मुमकिन था.

7- किसानों के हितों पर- हमने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया है. इसके लिए सरकार के पास 4 सूत्रीय रणनीति भी है. इसमें लागत में कमी, उत्पादन में बढ़ोतरी, फसल के बाद का नुकसान के अलावा आय ने नए रास्ते खोजने जैसे उपाय शामिल हैं. अगर आप सरकार की नीतियों को बारीकी देखेंगे तो उनमें बीज से बाजार तक किसानों की मदद के लिए कदम उठाए गए हैं.

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