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उद्योगपतियों से निवेश पर जोर देने की अपील, PM बोले- चीन की कमजोरी हमारे लिए फायदा

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उद्योगजगत की हस्तियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को आयोजित बैठक खत्म हो चुकी है. पीएम ने बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि चीन की अर्थव्यवस्था में आई कमजोरी भारत के लिए कई तरह के अवसरों के द्वार खोल सकती है. मोदी ने कहा कि यह मौका है और उद्योग जगत को जोखिम उठाते हुए निवेश करने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:26 PM IST

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उद्योगजगत की हस्तियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को आयोजित बैठक खत्म हो चुकी है. पीएम ने बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि चीन की अर्थव्यवस्था में आई कमजोरी भारत के लिए कई तरह के अवसरों के द्वार खोल सकती है. मोदी ने कहा कि यह मौका है और उद्योग जगत को जोखिम उठाते हुए निवेश करने की जरूरत है.

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प्रधानमंत्री आवास में नामी उद्योगपतियों की मौजूदगी में हुई इस बैठक का मकसद दुनिया के आर्थिक हालात के मद्देनजर भारत की स्थिति पर नजर रखना था. देश की अर्थव्यवस्था को किस तरह से तेज विकास की पटरी पर फिर से लाया जाए, इसको लेकर भी बैठक में विचार विमर्श किया गया. सीआईआई के अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने बैठक के बाद कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग से कहा कि वे जोखिम लें और निवेश करें. उन्होंने कहा कि हमें एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर, कोल्ड स्टोरेज और इस ओर खरीद पर जोर देने की जरूरत है.'

कैबिनेट मंत्रियों, सरकार और रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारियों, प्रमुख बैंकरों, जाने माने अर्थशास्त्री और अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों सहित 40 से अधिक प्रतिनिधि इस बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे. पीएम मोदी ने बैठक के दौरान उद्योग जगत से स्किल डवलपमेंट और नए रोजगार सृजन करने के लिए कहा. जबकि उद्योग जगत ने ब्याज दरों में कटौती की मांग रही. सुमित मजूमदार ने कहा कि बैठक में राजकोषीय प्रोत्साहन या ऐसे किसी पैकेज के बारे में कोई बात नहीं हुई.

मजूमदार ने आगे कहा, 'सरकार चाहती है कि देश की भलाई और एक हिंदुस्तानी होने के नाते हमें निवेश पर जोर देना चाहिए. बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी को लेकर वह अभी भी आशान्वि‍त हैं. भूमि बिल पर कोई चर्चा नहीं की गई.'

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बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से यह जानने की कोशिश की कि मौजूदा हालात से निपटने के लिए किस तरह के आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है. पीएम मोदी ने उद्योग जगत की हस्ति‍यों से वादा किया कि आर्थिक मुद्दों पर उनके सुझावों पर सरकार विचार करेगी.

बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी, टाटा समूह के साइरस मिस्त्री, फिक्की, एसोचैम और सीआईआई के अध्यक्षों के अलावा तमाम बड़े उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा प्रमुख अर्थशास्त्री और कई बैंकरों को भी आमंत्रित किया गया था.

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