
1975 में लागू किए गए आपातकाल के 43 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जमकर कोसा. मंगलवार को मुंबई में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने आपातकाल की यादों को ताजा किया लेकिन इस भाषण के अंत में कुछ ऐसा कर बैठे जिससे सोशल मीडिया पर लोगों को उनकी खिंचाई करने का मौका मिल गया.
अपना भाषण खत्म करते हुए प्रधानमंत्री ने 'लोकतंत्र अमर रहे' के नारे लगवाए. जिसको लेकर अब वो सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए हैं. बता दें कि अमूमन 'अमर रहे' का नारा किसी को भी स्मृतियों में जिंदा रखने के लिए लगाया जाता है.
प्रधानमंत्री की इस गलती को विपक्ष ने भी एकदम लपका और सोशल मीडिया ने भी. समाजवादी पार्टी नेता घनश्याम तिवारी ने भी PM पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम के साथ-साथ पूरी सभा में बैठे लोगों ने लोकतंत्र अमर रहे का नारा लगाया. क्या प्रधानमंत्री की नज़र में लोकतंत्र मर चुका है?
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि क्या हमारा लोकतंत्र मर गया है, जो अमर रहे का नारा लगवाया जा रहा है. हमारा लोकतंत्र जिंदाबाद था, है और रहेगा. वहीं कुछ यूजर्स ने लिखा कि सच आखिरकार जुबां पर आ ही जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुंबई में कार्यकर्ताओं के बीच आपातकाल को लेकर बात की. PM मोदी ने कहा कि हर साल इमरजेंसी को याद किया जाता है, देश के इतिहास के लिए ये एक काला दिन है. इसे सिर्फ कांग्रेस और उसकी सरकार का विरोध करने के लिए नहीं बनाया जाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इमरजेंसी को इसलिए याद करते हैं ताकि देशवासियों को बता सके खुद को भी इसका आभास कराते रहे. लोकतंत्र को सचेत रखने के लिए इमरजेंसी को याद करना जरूरी है. PM बोले कि आज की युवा पीढ़ी को इमरजेंसी का ज्ञान नहीं है उन्हें इसके बारे में बताना काफी जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्यासे को पता नहीं है कि पानी कैसा होता है.