
राष्ट्रीय राजधानी के राजपथ पर 35 हजार लोगों के साथ योगाभ्यास का कीर्तिमान स्थापित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञान भवन पहुंचे. यहां 'समग्र स्वास्थ्य के लिए योग' विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने योग को आस्था और अवस्था से जोड़ा.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'योग एक अवस्था है, कोई व्यवस्था नहीं. योग ना ही कोई संस्था है ये तो आस्था है.' पीएम ने कहा कि अगर बीज वृक्ष बन सकता है तो नर भी नारायण की स्थिति को प्राप्त कर सकता है. पीएम मोदी ने दुनियाभर के विभिन्न समुदाय का योग दिवस के मौके पर सहयोग के लिए धन्यवाद किया है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'आज हम पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं. हर कोई जीवन को जी भर कर जीना चाहता है. योग जीवन को जी भर कर जीने की जड़ी-बूटी है. योग की पहुंच और विस्तार रंग, जाति के अंतर को मिटाता है. जिस तरह से दुनिया के दूसरे देश में सब लोगों ने योग को अपनाया है, यह हमारे दिल व दिमाग को और करीब लाता है.'
रामदेव ने ली 'अच्छे दिन' की गारंटी
दूसरी ओर, विज्ञान भवन में योग की महत्ता और मोदी सरकार की कार्यशैली पर बोलते हुए योग गुरु रामदेव ने कहा कि योग एक पंथ की तरह नहीं एक जीवन पद्धति की तरह है. रामदेव ने कहा कि बहुत लोग बहुत तरह की बातें कर रहे थे कि मोदी तो अच्दे दिन लाने के लिए आए थे, ये योग के काम में कैसे पड़ गए. उन्होंने आगे कहा, 'मोदी जी अच्छे दिन ला रहे हैं राजनीतिक तौर पर भी, लेकिन जो योग करेगा उसका दिन अच्छा जरूर होगा. ये गारंटी है.'
रामदेव ने कहा कि पीएम मोदी राजर्षि की भूमिका में हैं. उन्होंने कहा, 'यह उनके सात्विक नेतृत्व का ही नतीजा है कि 47 इस्लामिक देशों सहित 177 से ज्यादा देशों ने योग की महत्ता मानी है. मोदी जी की वजह से सदियों में योग को सम्मान मिला है.'