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भारत को दुनिया की फूड फैक्टी बनाने के लक्ष्य को लेकर दिल्ली में शुक्रवार को वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्टिवल शुरू हुआ जिसमें 70 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में भारत में फूड प्रोसेसिंग इंस्ट्री को लेकर तमाम समझौत होगें. इस समारोह का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत फूड प्रोसेसिंग में निवेश करने के लिए इस समय दुनिया का सबसे बेहतरीन देश है क्योंकि ये खाने के उत्पादन और खपत दोनों के मामले में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ देश है.
मोदी ने हाल में ही जारी किए गए वर्ल्ड बैंक के इज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में निवेश करना और यहां बिजनेस करना अब बेहद आसान है. उन्होंन कहा कि जीएसटी लगने के बाद कई चरणों में लगने वाले टैक्स की समस्या भी खत्म हो गई है.
मोदी ने विज्ञान भवन में विदेशी मेहमानों को बताया कि भारत दुनिया के लिए इतना बड़ा बाजार है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां पर हर रोज ट्रेन में ही दस लाख लोग भोजन करते हैं. पीएम मोदी की इस बात पर खूब तालियां बजीं. अंग्रेजी में अपना भाषण देते हुए मोदी ने कहा कि भारत में किसानों को अन्नदाता कहा जाता है और सरकार ने पांच साल के भीतर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है.
पीएम मोदी ने कहा कि व्यापारियों का दिल खोलकर स्वागत करने के मामले में भारत का इतिहास रहा है और स्पाइस रूट के बारे में सभी जानते हैं. इस फूड फेस्ट में 70 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं जिनमें 50 ग्लोबल सीईओ भी शामिल हैं. पांच नवंबर को इस कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे.
इस फूड फेस्ट का एक खास आकर्षण होगा खिचड़ी को लेकर एक समारोह जिसमें मशहूर शेफ संजीव कपूर 1100 किलो खिचड़ी बनाकर इसे गिनिज बुक में शामिल कराएंगे. खिचड़ी को भारत के सुपर फूड के रूप में पेश किए जाने की तैयारी है जिसे विदेशी मेहमानों समेत हजारों लोगों को खिलाया जाएगा.
भारत में फूड प्रोसेंसिंग इंडस्ट्री के विस्तार की सख्त जरूरत है क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक देशों में शामिल होने के बावजूद यहां बहुत से लोग भूखे सोते हैं. वजह है खाने की बर्बादी. भारत में हर साल लगभग एक लाख करोड़ रुपये का खाना बर्बाद हो जाता है. बर्बादी किस कदर होती है उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पूरे ब्रिटेन के लोग साल भर में जितना खाना खाते हैं लगभग उतना खाना भारत में हर साल बर्बाद हो जाता है.