
पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11400 करोड़ रुपये के महाघोटाले के बाद बैंक सतर्क हो गए हैं. इसी दिशा में बैंकों ने एक और कड़ा कदम उठाने की योजना बना ली है. अब बैंक अपने कर्मचारियों की गलती से होने वाले फ्रॉड की वजह से हो रहे नुकसान को कम करने के लिए बीमा कवर बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं.
एक सरकारी बैंक के अधिकार ने कहा कि पीएनबी में हजारों करोड़ का घोटाला और OBC में 390 करोड़ रुपये का फ्रॉड इसकी वजह है. उन्होंने कहा कि फ्रॉड की वजह से होने वाले नुकसान से बचने के लिए बैंक बेसिक बैंकर्स इंडेम्निटी पॉलिसी की बजाय बीमा कवर बढ़ाने को लेकर सोचने पर मजबूर हो गए हैं.
पीएनबी में इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद बैंक लगातार आंतरिक व्यवस्था को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. कर्मचारियों की निगरानी कड़ी कर दी गई है. इसके अलावा बैंक के आंतरिक तंत्र को भी मजबूत करने पर ध्यान दिया जा रहा है. अब अपनी बैलेंस शीट को सुरक्षित रखने के लिए बैंक बीमा कवर बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं.
पंजाब नेशनल बैंक के पास केवल बेसिक बैंकर्स इंडेम्निटी पॉलिसी थी. इसकी बदौलत बैंक कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले फ्रॉड के मामले में बैंक सिर्फ 2 करोड़ रुपये तक का कवर हासिल कर सकता है. इस कवर के बूते पंजाब नेशनल बैंक 11400 करोड़ रुपये के फ्रॉड में से 0.2 फीसदी से भी कम कवर कर सकेगा.
बता दें कि हाल ही में आरबीआई की एक रिपोर्ट आई थी, इसमें बताया गया था कि हर चार घंटे में एक बैंक कर्मचारी फर्जीवाड़ा करने में शामिल होता है. आरबीआई डाटा के मुताबिक 1 जनवरी, 2015 से 31 मार्च, 2017 के बीच सरकारी बैंकों के 5,200 कर्मचारियों के खिलाफ फ्रॉड में शामिल होने को लेकर कार्रवाई की गई है.
आरबीआई डॉक्युमेंट्स के मुताबिक फर्जीवाड़े में शामिल होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इनमें से जहां कुछ लोगों पर जुर्माना लगाया गया है. वहीं, कुछ को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. बता दें कि केंद्रीय बैंक पिछले साल अप्रैल, 2017 से यह डाटा जमा कर रहा है.
PNB में हुआ 11400 करोड़ का घोटाला:
देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित एक शाखा में करीब 11,400 करोड़ रुपये का फर्जी ट्रांजैक्शन किया गया. पंजाब नेशनल बैंक ने 5 फरवरी को सीबीआई के सुपुर्द लगभग 280 करोड़ रुपये के फर्जी ट्रांजैक्शन का मामला सुपुर्द किया था.
इस मामले की जांच सीबीआई कर ही रही थी कि बैंक की मुंबई स्थित महज एक ब्रांच से आई फर्जीवाड़े सूचना ने बैंक को 11,360 करोड़ रुपये के अतिरिक्त नुकसान में ला दिया.
इस मामले में लगातार जांच जारी है और इसमें जांच एजेंसियों ने कई गिरफ्तारियां भी कर ली हैं. धोखाधड़ी के इस मामले के केंद्र में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ज्वैलर्स से जुड़े मेहुल चौकसी हैं.