
दिल्ली के साकेत कोर्ट में वकीलों ने रिटायर्ड डीसीपी और फिलहाल वकालत कर रहे एलएन राव के चेंबर में पोस्टर लगा दिए हैं. वकीलों ने राव से पोस्टर लगाकर पूछा कि वह साफ करें कि वो वकील हैं या रिटायर्ड पुलिस अधिकारी.
तीस हजारी कोर्ट में वकील और पुलिस बिरादरी के बीच हुई हिंसा के बाद दोनों गुटों में तनाव के बीच वकील चाहते हैं कि एलएन राव यह साफ करें कि पुलिस और वकीलों के झगड़े में वो किसके साथ खड़े हैं. टीवी चैनल्स पर डिबेट्स में पूर्व पुलिस अधिकारी राव पुलिस का पक्ष लेते हुए नजर आए, जिस पर वकीलों को कड़ी आपत्ति है.
पिछले हफ्ते दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसा के बाद जारी विवाद के बाद अब कोर्ट की प्रक्रिया वापस बहाल की जा रही है. भले ही पुलिस और वकीलों के बीच अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ हो, लेकिन अदालतों में लोग वापस आने लगे हैं.
आज गुरुवार को साकेत कोर्ट के गेट जनता के लिए खोल दिए गए हैं. कोर्ट आने वाली जनता का स्वागत सफेद फूल देकर किया गया. वकीलों का कहना है कि हमारी हड़ताल शांतिपूर्ण तरीके से हो रही है. कोर्ट में प्रॉक्सी काउंसिल लगाए गए हैं जो कोर्ट में पेश होंगे. केस वही देखेंगे, वकील कोर्ट नहीं जाएंगे. जनता के साथ हमारी लड़ाई नहीं है, इसलिए उनका स्वागत है.
वकीलों की हड़ताल जारी
इस बीच वकीलों की हड़ताल आज भी जारी है. सुबह से ही वकीलों ने साकेत कोर्ट में लामबंद होना शुरू कर दिया. वकील लगातार दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. 2 नवंबर से शुरू हुआ हंगामा अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा.
दिल्ली के वकीलों ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और वकीलों और पुलिस के बीच चल रही झड़पों की रिपोर्टिंग से मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. वकीलों का कहना है कि मीडिया उन्हें बदनाम कर रहा है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया.
हालांकि दिल्ली में वकील और पुलिस के बीच झड़प का असर दूसरे राज्यों में दिख रहा है. राजस्थान और महाराष्ट्र में भी वकीलों ने प्रदर्शन किया.