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UIDAI के CEO ने गिनाई आधार की खूबियां, बताया पूरी तरह से सुरक्षित

UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने आधार को सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ के समक्ष सुरक्षित बताया. उन्होंने करीब 85 मिनट तक सुप्रीम कोर्ट में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने कहा कि आधार का सारा बायोमैट्रिक डेटा 2048 बिट एनक्रिप्शन से सुरक्षित है.

आधार आधार
संजय शर्मा/राम कृष्ण/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:43 AM IST

सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड के मसले पर केंद्र सरकार के समर्थन में UIDAI भी उतरी. करीब डेढ़ घंटे के पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में UIDAI के CEO अजय भूषण पांडेय ने आधार की खूबियां गिनाने के साथ ही न्यायमूर्तियों के सवालों के जवाब भी दिए. हालांकि पांडेय का सत्र पूरा नहीं हुआ. उन्हें अगले मंगलवार को संविधान पीठ के सामने शेष पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन पूरा करना होगा.

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UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने आधार को सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ के समक्ष सुरक्षित बताया. उन्होंने करीब 85 मिनट तक सुप्रीम कोर्ट में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने कहा कि आधार का सारा बायोमैट्रिक डेटा 2048 बिट एनक्रिप्शन से सुरक्षित है. यह देसी तकनीक है. बस हमने बायोमैट्रिक डाटा मैचिंग की तकनीक का लाइसेंस दुनिया की बेहतरीन मानी जाने वाली कंपनी से लिया है. हालांकि इस तकनीक का इस्तेमाल हमारे अपने सर्वर से होता है.

पांडेय ने कहा कि पिछले 15 साल में आधार की कवायद विचार से व्यवहार तक पहुंची है. No National ID से Online ID तक के सफर के इस तरह के अभ्यास का प्रयास इंसान द्वारा कहीं भी नहीं किया गया है. ये इतना सुरक्षित है कि एक एनक्रिप्शन को तोड़ने के लिए ब्रह्माण्ड की उम्र के बराबर समय लग जाएगा. यह तकनीक बेहद उन्नत भी है और सस्ती भी.

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उन्होंने कहा कि एक आधार कार्ड का खर्च एक डॉलर से भी कम है. आधार प्रोजेक्ट पर सरकार ने अब तक नौ हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. आधार का डाटा लीक के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो निराधार हैं. यह सच है कि बायोमैट्रिक सॉफ्टवेयर बाहर से मंगाया गया है, लेकिन डेटा कंट्रोल हमारे पास है. आधार के 6000 सर्वर इंटरनेट से नहीं जुडे हैं.

रही बात शेयरिंग की तो आधार के लिए दर्ज बायोमैट्रिक डेटा किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता. सिर्फ KYC के लिए निजी जानकारी दी जाती है. अगर कोई आधार के जरिए लेन-देन होता है, तो UIDAI लोकेशन या लेन-देन के उद्देश्य को भी इकट्ठा नहीं करती है. पांडेय ने कोर्ट को बताया कि जुलाई 2018 से आधार कार्ड के लिए फेस आईडी लागू करने की योजना है. अगर किसी के बायोमैट्रिक मिलान नहीं करते हैं, तो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. आधार सभी के लिए और सभी सेवाओं के लिए है, चाहे वो गरीब हो, बच्चे हो या फिर दिव्यांग या बेघर हो.

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