
इशरत जहां एनकाउंटर केस में गुजरात के आईपीएस अधिकारी पीपी पांडेय को बड़ी राहत मिली है. अहमदाबाद की सीबीआई कोर्ट ने पीपी पांडेय को इशरत जहां एन्काउन्टर मामले में डिस्चार्ज कर दिया है. इस मामले में गुजरात सरकार ने पीपी पांडेय को बचाया.
गुजरात सरकार द्वारा केस चलाने की इजाजत नहीं मिलने के बाद और पीपी पांडेय की इस दलील कि सभी गवाह के बयान एक दूसरे के खिलाफ हैं को कोर्ट ने मान लिया है. इस वजह से कोर्ट ने इशरत जहां एनकाउंटर केस के सभी आरोपों से पीपी पांडेय को मुक्त कर दिया.
पीपी पांडेय ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कोर्ट ने मेरी अर्ज़ी को मंजूर किया है. ये मेरे लिए बड़ी राहत है. न्याय देरी से मिला, लेकिन सच्चाई जरूर बाहर आती है. वहीं इस मामले में पीड़ितों के वकील शमशाद ने कि फैसले से पीड़ित पक्ष को काफी निराशा हुई है, जो न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे.
आपको बता दें कि जुलाई 2013 में सीबीआई ने इस मामले में पीपी पांडेय को गिरफ्तार किया था. उस वक्त वह एडीजीपी-सीआईडी (क्राइम) के पद पर तैनात थे. वहीं फरवरी 2015 में उन्हें सीबीआई कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर की, जिसके बाद गुजरात सरकार ने उन्हें दोबारा पुलिस सेवा में बहाल करते हुए एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) पद सौंपा था.
वहीं पीपी पांडेय ने अप्रैल 2017 में अपने गुजरात के कार्यकारी डीजीपी पद से इस्तीफा दे दिया था. गुजरात सरकार ने उन्हें 30 अप्रैल तक एक्सटेंशन देते हुए यह पद सौंपा था, लेकिन पूर्व IPS अधिकारी जूलियो रिबेरो ने इसके खिलाफ सुप्रीम में याचिका दायर की थी. पांडेय के प्रस्ताव को मानते हुए कोर्ट ने उन्हें पदमुक्त करने का आदेश दिया था.