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स्टार्टअप पर भारत देर से जागा, इसके लिए मैं भी जिम्मेदार: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

छोटे उद्यमियों के लिए माहौल तैयार करने में हो रहे विलंब पर मुखर्जी ने कहा, ‘मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता. मुझे जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी क्योंकि मैं काफी समय तक प्रशासन में रहा.’ मुखर्जी ने इस पहल के लिए मोदी की प्रशंसा की.

सूरज पांडेय
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्टार्ट अप’ अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस पर देर से ‘जागा’ है. महामहिम ने इस विलंब के लिए खुद को भी जिम्मेदार बताया और कहा कि वह पहले खुद ही प्रशासन में रहे हैं.

सिलिकन वैली के सीईओ प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए मुखर्जी ने कहा कि भारत को अगले दस से 15 साल में दस फीसदी की दर से विकास करने की जरूरत है ताकि गरीबी और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे मुद्दे का समाधान किया जा सके. ‘स्टार्ट अप’ अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने सीईओ प्रतिनिधिमंडल से कहा, ‘आपमें से कुछ ने सही कहा है कि वे (नए उद्यमी) आत्मविश्वास महसूस करते हैं, वे इसे करना चाहते हैं. यह सरकार का काम है कि उद्यमिता बढ़ाने के लिए माहौल तैयार करे. हमने काफी समय लिया है लेकिन हमने यह निर्णय किया है. हम जाग गए हैं.’

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‘स्टार्ट अप’ अभियान का मकसद निचले स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है. छोटे उद्यमियों के लिए माहौल तैयार करने में हो रहे विलंब पर मुखर्जी ने कहा, ‘मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता. मुझे जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी क्योंकि मैं काफी समय तक प्रशासन में रहा.’ मुखर्जी ने इस पहल के लिए मोदी की प्रशंसा की. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को अगले दस-पंद्रह सालों तक दस फीसदी की दर से विकास करने की जरूरत है ताकि देश को गरीबी रेखा से उपर लाया जा सके और शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत सुविधा और नौकरियों जैसी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.

द इंडस Entrepreneur के बैनर तले सीईओ के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने भारत में पढ़ाई की लेकिन सिलिकन वैली पहुंचने के बाद ही वो अच्छा काम कर सके. उन्होंने मांग की कि भारत को निवेशकों के लिए लाल फीताशाही कम करनी चाहिए और उनका स्वागत करना चाहिए ताकि वे देश में स्टार्ट अप कंपनियों में निवेश कर सकें. उनसे सहमत होते हुए मुखर्जी ने भारत के कई नोबल पुरस्कार विजेताओं का उदाहरण दिया और कहा कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है. बैठक में मौजूद इन्वेंटस कैपिटल के एमडी कंवल रेखी ने कहा, ‘हममें से अधिकतर की पृष्ठभूमि व्यवसाय वाली नहीं रही लेकिन सिलिकन वैली में हम भारतीयों को व्यवसाय के लिए जाना जाता है.’

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