
बंबई हाई कोर्ट ने कहा कि दिवंगत टीवी कलाकार प्रत्यूषा बनर्जी के मामले में मुंबई पुलिस स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच कर रही है. इसके साथ ही अदालत ने जांच का जिम्मा मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच को सौंपने से इंकार कर दिया. प्रत्यूषा की मां शोमा बनर्जी ने यह मांग की थी.
न्यायमूर्ति एन एच पाटिल और न्यायमूर्ति ए एम बदर की पीठ ने कहा कि रिकार्ड और जांच दस्तावेजों पर गौर करने के बाद हमारा मानना है कि जांच किसी अन्य एजेंसी को हस्तांतरित करने की कोई आवश्यकता नहीं है. ऐसा नहीं लगता कि पुलिस कोई अनुचित जांच कर रही है, जैसा आरोप है.
खंडपीठ ने कहा कि हमें यह भी नहीं लगता कि पुलिस आरोपी यानी प्रत्युषा के ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह का कोई पक्ष ले रही है. अदालत ने हालांकि शोमा की याचिका को लंबित रखा और उपनगरीय बांगुर नगर पुलिस को जांच की रिपोर्ट चार मई को दाखिल करने का निर्देश दिया.
अदालत ने कहा कि पुलिस सही दिशा में है. किसी भी जांच में समय लगता है. खासकर ऐसे मामलों में जहां कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है. पुलिस पर ज्यादा दबाव होता है. जांच संवेदनशील चरण में है. संबंधित पुलिस उपायुक्त जांच की निगरानी कर रहे हैं. ऐसे में अभी केस हस्तांतरित नहीं हो सकता.
शोमा के वकील के टी थामस ने दावा किया कि पुलिस की जांच दिग्भ्रमित करने वाली है. उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही जांच दिग्भ्रमित करने वाली है इसलिए केस की जांच पुलिस आयुक्त की निगरानी के तहत अपराध शाखा को स्थानांतरित किए जाए. शोमा को आशंका है कि उनकी बेटी की हत्या की गई है.