
अंडमान एवं निकोबार में 15 मई के आसपास मानसून की हवाएं दस्तक दे देंगी. मौसम विभाग के मुताबिक अंडमान सागर में मानसून के लिए अनुकूल स्थितियां बननी शुरू हो गई हैं. विषुवत रेखा से मानसून की हवाओं का प्रवाह भारत की दिशा में चल निकला है. ऐसा अनुमान है अगले 48 घंटों में अंडमान-निकोबार के तमाम इलाकों में मानसून से पहले की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी.
13 मई के आसपास अंडमान और निकोबार के ज्यादातर द्वीप समूहों में मानसून से पहले की बारिश शुरू हो जाएगी. इन स्थितियों में यह कहा जा सकता है कि मानसून की दस्तक केरल में अपने सामान्य समय के आसपास ही होने की संभावना बढ़ गई है.
उत्तर भारत की बात करें तो यहां पर जगह-जगह धूल भरी आंधियों के बीच में तेज बारिश की घटनाएं बढ़ गई हैं. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है की मई के महीने में आंधी और बारिश होना एक सामान्य बात है और पिछले 48 घंटों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर भारत में कई जगहों पर तेज हवाओं तथा बिजली की गरज के साथ बारिश रिकॉर्ड की गई है. इससे जहां एक तरफ गर्मी से लोगों को राहत मिली है, तो वहीं दूसरी तरफ तेजी से बढ़ रहे तापमान पर अंकुश लगा है.
राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर पिछले 2 दिनों से हरियाणा से बन रहे वेदर सिस्टम पहुंच रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में आंधी और बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विभाग का कहना है की यह स्थिति अगले 48 घंटों तक बनी रहेगी. इसका सीधा मतलब यह हुआ दिल्ली और आसपास के इलाकों में अगले 2 दिनों तक धूल भरी आंधी के साथ बारिश होने की संभावना लगातार बनी रहेगी.
पहाड़ों पर होगी बारिश
उत्तर-पश्चिम हिमालय के ज्यादातर हिस्सों में मौसम की गतिविधि जारी रहेगी. अगले 10 दिनों में एक के बाद एक, दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस यहां पर अपना असर दिखा रहे हैं. इन वेस्टर्न डिस्टरबेंस के साथ हिमालय की
तलहटी में बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं का मेल-मिलाप हो रहा है. ऐसी स्थिति में सिक्किम से लेकर जम्मू-कश्मीर तक पूरे हिमालय में 20 मई तक रह-रहकर जगह-जगह बारिश होती रहेगी. लिहाजा पहाड़ पर
गर्मी की छुट्टियां बिताने जाने से पहले मौसम की पूरी जानकारी लेकर जाएं.