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राष्ट्रपति बोले- कैंपस में हो तार्किक बहस, असहिष्णु लोगों के लिए देश में जगह नहीं

राष्ट्रपति का कहना था कि ऐसा कोई देश या समाज सभ्य नहीं कहला सकता जिसके नागरिक महिलाओं से सही बर्ताव ना करते हों. उनका ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब डीयू की छात्रा गुरमेहर कौर को एबीवीपी के विरोध के बाद सोशल मीडिया पर रेप की धमकियां मिली हैं. राष्ट्रपति के मुताबिक महिलाओं के साथ बर्बरता पूरी सभ्यता की आत्मा को घायल करने जैसा है.

के. एस. राजामोनी  मेमोरियल लेक्चर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के. एस. राजामोनी मेमोरियल लेक्चर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
संदीप कुमार सिंह
  • कोच्चि, केरल,
  • 03 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी में देशभक्ति पर मचे दंगल के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालयों में असहमति और बहस की स्वतंत्रता पर जोर दिया है. राष्ट्रपति गुरुवार को कोच्चि में छठे के. एस. राजामोनी मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे.

'असहिष्णु भारतीय के लिए जगह नहीं'
अपने संबोधन में प्रणब मुखर्जी ने कहा- 'देश में असहिष्णु भारतीय के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. जायज आलोचना और असहमति के लिए जगह होनी चाहिए. विश्वविद्यालयों को अशांति के बजाए तार्किक चर्चा और बहस का माहौल बनाना चाहिए.'

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'महिलाओं का सम्मान जरुरी'
राष्ट्रपति का कहना था कि ऐसा कोई देश या समाज सभ्य नहीं कहला सकता जिसके नागरिक महिलाओं से सही बर्ताव ना करते हों. उनका ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब डीयू की छात्रा गुरमेहर कौर को एबीवीपी के विरोध के बाद सोशल मीडिया पर रेप की धमकियां मिली हैं. राष्ट्रपति के मुताबिक महिलाओं के साथ बर्बरता पूरी सभ्यता की आत्मा को घायल करने जैसा है. प्रणब मुखर्जी की राय में ना सिर्फ हमारा संविधान महिलाओंको बराबरी का हक देता है बल्कि हमारी संस्कृति में भी महिलाओं को पूजा जाता है.

उन्होंने कहा- 'महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा देश की प्राथमिकता होनी चाहिए. महिलाओं और बच्चों को लेकर रुख से किसी भी समाज की परख होती है. भारत को इस परीक्षा में खरा उतरना चाहिए.'

'आलोचना के लिए हो गुंजाइश'
राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि भारत पुराने वक्त से ही आजाद ख्याल और अभिव्यक्ति का गढ़ रहा है. उनके मुताबिक हमारे समाज में अलग-अलग विचारधाराओं के बीच बहस चलती आई है और अभिव्यक्ति की आजादी संविधान के मूलभूत गुणों में से एक है. लिहाजा आलोचना और असहमति के लिए हमेशा जगह होनी चाहिए. प्राचीन काल तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालयों का जिक्र करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थान वो जरिया हैं जिनसे भारत एक ज्ञान आधारित समाज में विकसित हो सकता है.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी में दंगल
रामजस कॉलेज में एबीवीपी और वामपंथी संगठनों के बीच हिंसा के बाद गुरमेहर कौर का सोशल मीडिया संदेश वायरल हुआ था. इसके बाद तमाम नेता उनके विरोध या पक्ष में उतर आए थे. गुरमेहर कौर को बीजेपी समेत कई दक्षिणपंथी संगठनों का विरोध झेलना पड़ा था. सोशल मीडिया पर मिली धमकियों के बाद सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है.

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