
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिलाओं के विज्ञान में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का प्रतिशत कम होने पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पूर्व महिला वैज्ञानिकों ने विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किए हैं. उन्होंने कहा कि बेटियों की वैज्ञानिक क्षमता को हम देश में ठीक तरीके से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.
शनिवार शाम लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित चौथे भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईएसएफ विज्ञान का कुम्भ मेला है. उत्तर प्रदेश हमेशा से ही कुंभ के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन अब विज्ञान कुंभ के लिए भी जाना जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है. विज्ञान भारत की संस्कृति में है. हरित क्रांति से लेकर अंतरिक्ष कार्यक्रम तक सब विज्ञान की ही देन है.’ राष्ट्रपति ने कहा कि हम जुगाड़ टेक्नालॉजी का उन्नयन कर उसे सही वैज्ञानिक पहचान दे सकते हैं.
इस अवसर केंद्रीय विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद रहे. इस दौरान देश के विभिन्न स्कूल और कालेजों के छात्र-छात्रायएं भी मौजूद रहे.
महिलाओं के विज्ञान में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का प्रतिशत कम होने पर राष्ट्रपति ने कहा कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद में 3446 वैज्ञानिक काम करते है, जिसमें से सिर्फ 632 महिला वैज्ञानिक है यानी केवल 18.3 प्रतिशत महिला वैज्ञानिक हैं.
उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पूर्व एक महिला ने भौतिक शास्त्र और एक महिला ने रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया. हम देश में बेटियों की वैज्ञानिक क्षमता को ठीक तरीके से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच 649 भारतीय वैज्ञानिक विदेशों से अपने घर (भारत) में अवसर देखकर वापस लौट आए.
राष्ट्रपति ने कहा, 'वर्ष 2017 में भारत के पेटेंट आवेदन बढ़कर 909 हो गए हैं. यह 2016 की संख्या 61 से 15 गुना तक बढ़ चुका है. भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में मंच पर आए हुए अतिथियों को तुलसी का पौधा भेंट किया गया. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तुलसी धैर्य और शांति का प्रतीक है. साथ ही यह कहा जाता है कि जिस आंगन में तुलसी होती है, वहां बीमारी नहीं होती है.