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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के बाद PGIMER गए. यहां 34वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने भावी डॉक्टरों को संबोधित किया. मोदी ने कहा कि दीक्षांत को शिक्षांत समारोह न समझें. यह शिक्षा का अंत नहीं है. बल्कि यहां से तो जिंदगी की कसौटी शुरू होती है. मोदी के साथ स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद रहे.
मोदी ने डॉक्टरों से कहा कि आप जीवन की बड़ी जिम्मेदारी लेने जा रहे हैं. यहां आप सिर्फ अपनी जिंदगी का निर्णय नहीं करते हैं. समाज की जिंदगी का निर्णय भी करते हैं. आपको डॉक्टर बनाने में चायवाले का, वार्ड बॉय का भी योगदान रहा होगा. हम आज जो भी हैं समाज की वजह से हैं, सरकार की वजह से नहीं.
दीक्षांत ढाई हजार साल पुरानी परंपरा
मोदी ने बताया कि पहला दीक्षांत समारोह ढाई हजार साल पहले हुआ था. यह ढाई हजार साल पुरानी पंरपरा है. तैत्रेय उपनिषद में दीक्षांत की चर्चा है. लेकिन यहां से निकलते हुए एक बार तो लगता है कि सब परेशानियों से मुक्ति हो गई है. हकीकत यह है यह ज्ञान को कसौटी पर कसने का समय है.
पीजीआई यानी मोस्ट मॉडर्न टेक्नोलॉजी
मोदी ने मेडिकल साइंस में टेक्नोलॉजी की बात करते हुए कहा कि पीजीआई में मॉडर्न टेक्नोलॉजी है. पीजीआई से जुड़े होने का मतलब है आप मोस्ट मॉडर्न टेक्नोलॉजी से जुड़े डॉक्टर हैं. टेक्नोलॉजी से डॉक्टरों को बीमारी को समझने में मदद मिलती है. लेकिन इसके साथ मानवीय संवेदनाओं का सेतु जोड़ना भी जरूरी है. डॉक्टर बीमारी के बजाय बीमार पर फोकस रखें.
सेहत पर ध्यान देने का वक्त
मोदी ने कहा कि अभी तक हम बीमारी पर ध्यान देते थे. लेकिन अब सेहत पर ध्यान देने का वक्त है. मेडिकल साइंस में कई बदलाव आए हैं. इससे सेहत का ध्यान रखना आसान हुआ है.