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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को ऐतिहासिक फैसला बताया. उन्होंने कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल बिहारी वाजपेयी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हो गया है.
पीएम मोदी ने कहा, 'एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने और पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो अब दूर हो गई है.'
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी और करोड़ों देशभक्तों का सपना था कि अनुच्छेद 370 को खत्म किया जाए. वो अब पूरा हो गया है.
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पीएम मोदी ने कहा, 'समाज जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है. ये भाव आ जाता है कि कुछ बदलेगा ही नहीं, ऐसे ही चलेगा. अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था. उससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी. हैरानी की बात ये है कि किसी से भी बात करें, तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ?'
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पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है. किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो, ये कार्य निरंतर चलता रहता है. कानून बनाते समय काफी बहस होती है, चिंतन-मनन होता है, उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं. इस प्रक्रिया से गुजरकर जो कानून बनता है, वो पूरे देश के लोगों का भला करता है. हालांकि कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों.'
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राष्ट्र के नाम संदेश में पीएम मोदी ने कहा, 'आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे. ये वो लोग हैं, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे.'
उन्होंने सवाल किया, 'क्या इन लोगों के साथ अन्याय ऐसे ही चलता रहता? हम सभी चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि आपको बहुत ईमानदारी के साथ, पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा.'