
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के तहत मिले स्पेशल स्टेटस का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन में पहली बार इस संबंध में कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश में लागू कई बड़े कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं था जो यहां के लोगों के अधिकारों से वंचित करता था.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है. किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो, ये कार्य निरंतर चलता रहता है. कानून बनाते समय काफी बहस होती है, चिंतन-मनन होता है, उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं.
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अनुच्छेद 370 की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस प्रक्रिया से गुजरकर जो कानून बनता है, वो पूरे देश के लोगों का भला करता है, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में देश के सभी हिस्सों में लागू कानून के नहीं लागू होने पर चिंता जताई. जम्मू-कश्मीर से 370 के खात्मे के बारे में उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे. देश के शेष अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था.
मोदी के भाषण में जिक्र प्रमुख कानून जो J-K में लागू नहीं
1. सफाई कर्मचारी एक्ट
2. दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून
3. अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट
4. श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए मिनीमम वेगेज एक्ट (Minimum Wages Act)
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो अब दूर हो गई है.
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उन्होंने आगे कहा कि समाजिक जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है. ये भाव आ जाता है कि, कुछ बदलेगा नहीं, ऐसे ही चलेगा.