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नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात में हुआ था. वे कुल 6 भाई-बहन हैं, जिनमें से मोदी तीसरे नंबर के हैं. भारत के 14वें प्रधानमंत्री का बचपन संघर्षपूर्ण और दिलचस्प रहा. बचपन से जुड़े कई किस्से प्रधानमंत्री बनने के बाद खूब मशहूर हुए. इन्हीं में से एक किस्सा मगरमच्छ से जुड़ा है.
1) मगरमच्छ से बच निकलने की कहानी
मोदी जब छोटे थे तो वे गुजरात के शार्मिष्ठा झील में अक्सर खेलने जाया करते थे. उन्हें पता नहीं था कि उस झील में मगरमच्छ काफी संख्या में हैं. एक बार एक मगरमच्छ ने खेलते हुए मोदी को पकड़ने की कोशिश की. इस दौरान उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं. पर वे उसके चंगुल से बच निकले थे.
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2) मां-पिता की मदद
मोदी के पिता वादनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे. बचपन में मोदी को जब भी पढ़ाई से समय मिलता था वे अपने पिता की मदद करने दुकान पर पहुंच जाया करते थे.
3) कविताएं लिखना
मोदी को बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक है. उन्होंने गुजराती में कई कविताएं लिखी हैं. वो फोटोग्राफी का भी शौक रखते हैं.
4) नाटक करना खूब पसंद था
मोदी को स्कूल के दिनों में नाटक करना खूब पसंद था. युवावस्था में लोगों की मदद करने के लिए भी नाटकों में हिस्सा लिया करते थे.
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बेहद अनुशासित रहे हैं मोदी
मोदी का जीवन बेहद अनुशासित रहा है. उन्हें बचपन से ही सुबह उठना पसंद है. चाहे कोई भी मौसम हो, वो सुबह 5 से 5.30 के बीच उठ जाते हैं. अगर वो रात को देर से सोए हो तो भी सुबह उठने के लिए समय को नहीं बदलते. वो हमेशा से ही भारतीय सेना में जाना चाहते थे. जामनगर के पास बने सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहते थे, लेकिन तब परिवार के पास स्कूल की फीस देने के लिए पैसे नहीं थे.
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संन्यासी से हुए प्रभावित
मोदी जब छोटे थे तो एक दिन वे एक संन्यासी से मिले. वे उनसे इतना प्रभावित हुए कि युवावस्था में संन्यासी बनकर काफी भ्रमण किया.
देशभक्ति की भावना
मोदी ने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान रेलवे स्टेशनों पर जाकर सैनिकों की मदद की. उन्होंने 1967 में गुजरात में बाढ़ पीडि़तों की भी काफी मदद की थी. देश के लिए वे कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं.