
कांग्रेस में बदलाव अब दिखने लगा है, सोनिया की जगह राहुल ले रहे हैं, तो परदे के पीछे से राहुल और कांग्रेस के कार्यक्रम प्रियंका गांधी सक्रियता से संभाल रही हैं. पिछले तमाम मौकों पर प्रियंका परदे के पीछे से अहम भूमिका में रही हैं.
बात ताजा नोटबंदी के कन्वेंशन की करें, तो प्रियंका ही सियासी रणनीति को अहमद पटेल के साथ मिलकर अंतिम रूप देती रही हैं. हर अहम बैठक में प्रियंका मौजूद रहती हैं. राहुल जब नोटबंदी पर देशभर में रैलियां कर रहे थे, तब भी प्रियंका ही कांग्रेस के नेताओं से मिलकर कार्यक्रम तैयार कर रहीं थीं.
कन्वेंशन के ठीक पहले जब कांग्रेस के नेताओं ने प्रियंका को बताया कि सारी तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं, हर बंदोबस्त किया जा चुका है. सब सुनने के बाद प्रियंका ने झट से कहा कि चलिए मैं खुद तैयारियां देखने आउंगी. प्रियंका सिर्फ बोलकर नहीं रुकीं, बल्कि सूत्रों के मुताबिक, रात 1.30 बजे वो तैयारियों का जायजा लेने तालकटोरा स्टेडियम पहुंच गईं.
मंच से लेकर, मीडिया स्टैंड तक हर जगह प्रियंका गईं. जहां झंडारोहण होना था, जहां से पार्टी की तरफ मल्टी कैमरा लगाया गया, उसका फ्रेम तक प्रियंका ने जांचा. फिर कुछ सलाह दीं, जिस पर अमल किया गया. दोपहर के भोजन का मेन्यू देखा, पार्टी के डेलीगेट कहां भोजन करेंगे, मीडिया और डेलीगेट का रास्ता अलग-अलग हो, ये भी प्रियंका ने सुनिश्चित किया.
दिलचस्प ये है कि जब सुबह कार्यक्रम शुरू हुआ तो हर चीज पर नजर रखने वाली प्रियंका हमेशा की तरह खुद नजर नहीं आईं. शायद ये प्रियंका और गांधी परिवार की पुरानी रणनीति हैं कि राहुल के स्थापित होने तक प्रियंका परदे के पीछे से ही सक्रिय रहें. आखिर सब जानते हैं कि प्रियंका का खुलकर आना और राहुल की चमक पर असर पड़ना एक सिक्के के दो पहलू हैं.