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प्रियंका गांधी प्रचार में दिखती हैं कम, पर्दे के पीछे से लगा रखा है दम

प्रियंका गांधी जो इन दिनों अपने हाथ में सब कुछ संभाले हुए हैं और फिर भी खाली हाथ ही दिखती हैं. यूपी में सपा से गठबंधन के पीछे गुप्त सूत्रधार रहीं प्रियंका प्रचार से अभी नदारद हैं. लेकिन पर्दे के पीछे अपनी सेना को यूपी के रण के लिए तैयार कर रही हैं.

 कांग्रेसियों के 'भैया जी' हैं प्रियंका गांधी कांग्रेसियों के 'भैया जी' हैं प्रियंका गांधी
कुमार विक्रांत
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  • 31 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST

प्रियंका गांधी जो इन दिनों अपने हाथ में सब कुछ संभाले हुए हैं और फिर भी खाली हाथ ही दिखती हैं. यूपी में सपा से गठबंधन के पीछे गुप्त सूत्रधार रहीं प्रियंका प्रचार से अभी नदारद हैं. लेकिन पर्दे के पीछे अपनी सेना को यूपी के रण के लिए तैयार कर रही हैं.

यूं तो इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका के सामने कांग्रेस नेताओं ने सभी सीटों पर प्रचार करने की मांग रख दी है लेकिन प्रियंका प्रचार से ज्यादा तैयारी पर जोर देने में लगी हैं. चुनाव जीतने की कुंजी कार्यकर्ताओं की मेहनत ही है और प्रियंका उन्हें बताने में जुट गई हैं. जहां एक तरफ राहुल गांधी यूपी समेत अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं वहीं प्रियंका पर्दे के पीछे रहकर यूपी के लिए कमर कस रही हैं.

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सोमवार को कांग्रेस के वॉर रूम 15 जीआरजी में यूपी की 105 सीटों पर दिल्ली और आसपास के राज्यों से चुनाव प्रभारी बनाए गए नेताओं की मीटिंग हुई. जिसमें यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी मौजूद रहे.

प्रियंका से कार्यकर्ताओं से एक एक सीट को लेकर चर्चा की. सूत्रों का कहना है कि प्रियंका ने मीटिंग में कार्यकर्ताओं को गठबंधन करने के पीछे की वजह भी स्पष्ट की. प्रियंका ने कहा कि बीजेपी को रोकने के लिए गठबंधन जरुरी था. साथ ही कहा कि अब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सभी 105 सीटों पर पूरा दम लगाना है और जीत हासिल करनी है.

यूं तो प्रियंका का नाम यूपी के स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल हैं लेकिन वो खुद को अमेठी रायबरेली तक ही सीमित रखती हैं. प्रियंका और कांग्रेस दोनों ही समझ रहे हैं कि पार्टी की नैया सिर्फ साइकिल पर बैठ जाने से पार नहीं होने वाली है. प्रियंका ने इसीलिए पार्टी की तरफ से यूपी के लिए नियुक्त किए प्रभारियों से खुद आमने-सामने बात करने का फैसला किया.

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कार्यकर्ताओं में भी प्रियंका की मौजूदगी ने संजीवनी का काम किया मीटिंग में मौजूद सभी लोग मीटिंग ख़त्म होते ही प्रियंका के साथ सेल्फी खींचने और चर्चा करने में जुट गए. प्रियंका कुछ असहज दिखती हुई भी शांत रहीं और सबसे हस्ते हुए दिखाई दीं.

दरअसल असल चुनौती पार्टी और प्रियंका के लिए यूपी चुनाव में अच्छे नतीजे लानी की है. तब ही पता लग पाएगा कि गठबंधन की संजीवनी प्राण बचा पाएगी या नहीं.

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