
खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू को 27 जनवरी को पटियाला कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है. दिल्ली की पटियाला कोर्ट में मंगलवार को पंजाब पुलिस को मिंटू को पेश करना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे पेश नहीं किया जा सका. इसके बाद मिंटू के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट को री-इशू कर दिया.
पिछली सुनवाई में पटियाला हाउस कोर्ट ने हरमिंदर सिंह मिंटू के खिलाफ नए प्रोडक्शन वारंट जारी किए थे. इस मामले में अब सुनवाई 27 जनवरी को होगी. इसमें पंजाब पुलिस को हरमिंदर मिंटू को दिल्ली की पटियाला कोर्ट में पेश करना होगा. इससे पहले पिछले महीने हरमिंदर सिंह मिंट को कोर्ट ने दिल्ली मे पेश करने के आदेश दिए थे.
पंजाब से भागा, दिल्ली में पकड़ा गया
28 नवंबर को पंजाब के नाभा जेल से भागने के बाद उसे दिल्ली के निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया था. इसलिए दोनों राज्यों में उसके खिलाफ मामले दर्ज है. 2008 में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर हुए हमले और 2010 में हलवाड़ा वायुसेना स्टेशन में विस्फोटक मिलने सहित कई केस में 2014 में गिरफ्तार हुआ था.
बब्बर खालसा का सदस्य था हरमिंदर
बताते चलें कि हरमिंदर सिंह मिंटू (47 वर्ष) पहले आतंकी संगठन बब्बर खालसा का सदस्य था. 1986 में अरूर सिंह और सुखविंदर सिंह बब्बर ने जब खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) बनाई तो वह उससे जुड़ गया. इसके बाद खालिस्तान आंदोलन में शामिल रहे चार बड़े संगठन भी 1995 में केएलएफ से जुड़ गए और फिर केएलएफ का मुखिया बन गया.
सोशल मीडिया के जरिए जुटाता फंड
मिंटू सोशल मीडिया की मदद से अपने संगठन के लिए फंड जुटाता था. साथ ही युवाओं को गुमराह कर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जोड़ रहा था. उसने यूरोप और एशिया के साथ ही कई देशों में अच्छा-खासा जाल फैला रखा है. मिंटू ने यूरोप, उत्तरी अमेरिका समेत कई देशों में अलग सिख राष्ट्र के नाम पर चलाए जा रहे खालिस्तानी आंदोलन के लिए पैसे भी जुटाए थे.