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कौन है खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मुखिया हरमिंदर सिंह मिंटू, जाने बड़ी बातें

नाभा जेल कांड से एक बार फिर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मुखिया हरमिंदर सिंह मिंटू सुर्खियों में है. सोमवार सुबह दिल्ली और पंजाब पुलिस के एक ज्वॉइंट ऑपरेशन के दौरान उसे दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस से बचने के लिए मिंटू ने अपना हुलिया बदल लिया था. जानिए, कौन है आतंकी मिंटू और कैसे बना वह खालिस्तान लिबरेशन का चीफः

KLF चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू KLF चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू
राहुल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

नाभा जेल कांड से एक बार फिर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मुखिया हरमिंदर सिंह मिंटू सुर्खियों में है. सोमवार सुबह दिल्ली और पंजाब पुलिस के एक ज्वॉइंट ऑपरेशन के दौरान उसे दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस से बचने के लिए मिंटू ने अपना हुलिया बदल लिया था. जानिए, कौन है आतंकी मिंटू और कैसे बना वह खालिस्तान लिबरेशन का चीफः

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बब्बर खालसा का सदस्य था मिंटू
हरमिंदर सिंह मिंटू (47 वर्ष) पहले आतंकी संगठन बब्बर खालसा का सदस्य था. 1986 में अरूर सिंह और सुखविंदर सिंह बब्बर ने जब खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) बनाई तो वह उससे जुड़ गया. इसके बाद खालिस्तान आंदोलन में शामिल रहे चार बड़े संगठन भी 1995 में केएलएफ से जुड़ गए और फिर मिंटू खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मुखिया बन गया. इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मिंटू बब्बर खालसा के प्रमुख रहे वधावा सिंह का शागिर्द भी रहा है.

भिंडरावाले की अगुवाई में खालिस्तान की उठी थी मांग
गौरतलब है कि साल 1980 के दशक में जरनैल सिंह भिंडरावाले की अगुवाई में सिखों के लिए एक अलग देश खालिस्तान बनाए जाने की मांग ने जोर पकड़ा था. खालिस्तान आंदोलन के दौरान पंजाब में कई हिंसक और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अपना ठिकाना बनाए बैठे खालिस्तानी आतंकियों को वहां से हटाने के लिए सेना ने 1984 में 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' को अंजाम दिया था. इसके बाद 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी, जिससे देशभर में भयानक सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे.

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सोशल मीडिया के जरिए जुटाता था फंड
मिंटू सोशल मीडिया की मदद से अपने संगठन के लिए फंड जुटाता था. साथ ही युवाओं को गुमराह कर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जोड़ रहा था. उसने यूरोप और एशिया के साथ ही कई देशों में अच्छा-खासा जाल फैला रखा है. मिंटू ने यूरोप, उत्तरी अमेरिका समेत कई देशों में अलग सिख राष्ट्र के नाम पर चलाए जा रहे खालिस्तानी आंदोलन के लिए पैसे भी जुटाए थे.

ISI से ले चुका है आतंक फैलाने की ट्रेनिंग
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मिंटू की सबसे बड़ी मददगार रही है. मिंटू कई बार पाकिस्तान भी जा चुका है और उसे कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग मिली थी. आईएसआई की मदद से ही वह 2010 और 2013 में यूरोप गया था. 2014 में हरमिंदर को जब दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था, तब पता चला था कि वह मलेशिया के नकली पासपोर्ट पर सफर कर रहा था. पासपोर्ट में उसका नाम गुरदीप सिंह था. वह थाईलैंड में अपने पैर जमाना चाहता था, जिससे वह अपने संगठन के लिए फंड जुटा सके.

मिंटू पर चल रहे हैं 10 आतंकी मामले
कई बड़ी आतंकी वारदातों में शामिल रहे मिंटू को साल 2008 में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर हुए हमले और तीन शिवसेना नेताओं पर हुए हमले की साजिश रचने का आरोप है. साल 2010 में हलवाड़ा एयरफोर्स स्टेशन में विस्फोटक मिलने सहित 10 मामलों के सिलसिले में मिंटू को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था.

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