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पंजाब: डोप टेस्ट कराने पहुंचे 'आप' विधायक अमन अरोड़ा, बोले- सीएम, विधायक भी कराएं

अस्पताल पहुंचने के बाद अमन ने कहा कि मुख्यमंत्री और सभी मंत्री, विधायक आला अधिकारी भी डोप टेस्ट कराएं. आपको बता दें आम आदमी पार्टी पंजाब में नशे का मुद्दा जोर-शोर से उठाती रहती है.

अमन अरोड़ा (फोटो साभार- ट्विटर) अमन अरोड़ा (फोटो साभार- ट्विटर)
देवांग दुबे गौतम/सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 05 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा डोप टेस्ट के लिए मोहाली के सिविल हॉस्पिटल पहुंचे. आपको बता दें कि पंजाब की कांगेस सरकार ने सरकारी नौकरी में भर्ती के समय के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के सेवाकाल के विभिन्न चरणों मसलन पदोन्नती के दौरान डोप टेस्ट का आदेश जारी किया था. हालांकि, सरकार ने ये आदेश सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी किया था, लेकिन आप विधायक का डोप टेस्ट कराने के लिए पहुंचना पार्टी के नशे के खिलाफ लगातार जारी अभियान का हिस्सा माना जा सकता है.

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अस्पताल पहुंचने के बाद अमन ने कहा कि मुख्यमंत्री और सभी मंत्री, विधायक आला अधिकारी भी डोप टेस्ट कराएं. इस बीच पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेन्द्र बाजवा भी डोप टेस्ट के लिए मोहाली के हॉस्पिटल पहुंचे. लेकिन दवाई लेने की वजह से उनका टेस्ट नहीं हो पाया है.

आपको बता दें आम आदमी पार्टी पंजाब में नशे का मुद्दा जोर-शोर से उठाती रहती है. 'आप' इसको लेकर राज्य में प्रदर्शन भी करती रहती है. हाल ही में आप ने पंजाब सरकार पर नशा तस्करी और तस्करों की तरफ आंखें मूंदने का आरोप लगाया था.

सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी किया था आदेश

नशे की समस्या से जूझ रहे पंजाब को निजात दिलाने के लिए अमरिंदर सिंह सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट अनिवार्य करने का ऐलान किया था. डोप टेस्ट की इस प्रक्रिया से पुलिस को भी गुजरना होगा.

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एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार ये डोप टेस्ट भर्ती के समय के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के सेवाकाल के विभिन्न चरणों मसलन पदोन्नती के दौरान भी होगा. बता दें कि पंजाब में 3.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं वहीं पंजाब पुलिस में कांस्टेबल व सब इंस्पेटर की भर्ती के दौरान डोप टेस्ट पहले से ही अनिवार्य है.

पुलिस भर्ती में डोप टेस्ट ये पता लगाने के लिए होता है कि कहीं भर्ती होने वाला कर्मचारी- मॉर्फीन, एम्फेटामाइन, गांजा व अन्य प्रतिबंधित नशीली दवाओं के सेवन का आदी तो नहीं.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता मे कैबिनेट की बैठक में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस (एनडीपीएस) कानून , 1985 मे संशोधन के जरिए ड्रग की तस्करी करने के लिए मौत की सजा के प्रवधान की सिफारिश करने का फैसला लिया गया था. जिसकी जिसकी जानकारी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कर दी.

विपक्ष के नेता ने एसएसपी पर लगाए थे गंभीर आरोप

पंजाब में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने नशे को लेकर राज्य की अमरिंदर सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार नशा तस्करी और नशाखोरी को बढ़ावा देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं कर रही. मोगा के एसएसपी रंजीत सिंह पर नशे के पैसे से अकूत संपत्ति खरीदने का आरोप है लेकिन वह अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं.

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खैहरा का कहना है कि इन आरोपों से पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा का दामन भी साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पहले ही नशे के मसले पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.

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