
पंजाब सरकार ने अपने आखिरी तीन से चार महिनों में लोगों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े फैसलों की झड़ी लगा रखी हैं. सितंबर महीने में मंत्रिमंडल की तीसरी बैठक होने जा रही है. अब मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में 26 सितंबर को मंत्रिमंडल की बैठक फिर बुलाई है, इसी माह में पहले ही मंत्रिमंडल की दो बैठकें हो चुकी है. इस बैठक में राज्य सरकार के ठेके पर काम कर रहे पंजाब के करीब एक लाख कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया जा सकता है.
लेकिन सवाल ये है कि पहले से ही काफी आर्थिक घाटे से जूझ रही पंजाब सरकार इन कर्मचारियों को वोट बैंक के लिए नियमित तो कर देगी लेकिन इन कर्मचारियों को बतौर सैलरी देने के लिये अरबों रुपया कहां से आएगा. पंजाब सरकार का कहना है कि सरकार ने पहले ही विभिन्न विभागों में कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जो कि विभिन्न विभागों की तरफ से भेजे गए प्रस्तावों पर विचार विमर्श कर रही है.
विभिन्न विभागों की ओर से कांट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों की लिस्टें भेजी जा रही है. अकेले आंगनबाड़ी कर्मचारियों की संख्या 40 हजार है. इसके अलावा सर्व शिक्षा अभियान से संबंधी 14 हजार अध्यापक व नॉन टीचिंग के 1200 स्टाफ है, बाकी अन्य विभागों से संबंधित है. अगर सरकार ठेके के कर्मचारियों को नियमित करती है तो यह संख्या एक लाख के करीब पहुंच जाएगी.
लेकिन पंजाब सरकार विधानसभा चुनाव के चलते बड़े स्तर पर कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला कर सकती है. मंत्रिमंडल अन्य विभागों में भी भर्ती को मंजूरी दे सकता है, सरकार ने एक लाख 20 हजार भर्ती का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन अभी तक बीस हजार के करीब ही भर्ती प्रक्रिया चल रही है, इसलिए सरकार और विभागों में भी रिक्त पद भर सकती है. सूत्रों का कहना है कि सरकार इसलिए भर्ती कर रही है ताकि चुनाव के बाद जो भी सरकार आएगी वहीं देखेगी कि उनको वेतन कैसे देना है.
वहीं पंजाब में विधान सभा चुनावों में प्रचार जोर शोर से शुरू हो गया है कांग्रेस ने 'कांग्रेस लाओ पंजाब बचाओ' कैम्पेन के तहत चंडीगढ़ से 13 हाईटेक बसों को पूरे पंजाब में प्रचार के लिए रवाना किया है जो पंजाब के 13 लोकसभा क्षेत्रों को पूरे 27 दिन तक कवर करेंगी साथ ही इन बसों के अन्दर 40 सीनियर नेता भी रहेंगे जो पूरे पंजाब में अपने अपने हलकों में लोगों से नुक्कड़ बैठकों के माध्यम से रूबरू होंगे. इस मौके पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री अम्बिका सोनी भी मौजूद थीं.