
पंजाब की रहने वाली राधे मां पर मुंबई में केस दर्ज करने होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. मुंबई की एक महिला ने उन पर आरोप लगाया है कि राधे मां ने उसे दहेज के लिए मानसिक-शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है. उनके अनुयायियों ने उसके साथ मारपीट की है. उनके कहने पर ही उसके ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया है.
पीड़िता के मुताबिक, 2012 में उसकी शादी मुंबई में हुई थी. उसके ससुराल के लोग राधे मां के अंधभक्त हैं. उनके कहने पर ही उसके ससुरालवालों ने उससे शादी की थी. शादी से पहले ही राधे मां और ससुरालवालों अपनी मांग रखनी शुरू कर दिए थे. पुलिस मामले की जांच कर रही है. आरोप साबित होने पर राधे मां गिरफ्तार हो सकती हैं.
खामोश रहती है राधे मां की जुबान
राधे मां को कोई दुर्गा का अवतार बताता है तो किसी की नजर में वो साक्षात देवी हैं, जिनके दर्शन मात्र से बेड़ापार हो जाता है. वही किसी के लिए राधे मां बस एक छलावा हैं. लेकिन इन सब विवादों के बीच राधे मां की जुबान हमेशा खामोश रहती है. उनके आश्रम में तेज़ आवाज में मां के जयकारे वाले गीत गूंजते रहते हैं.
राधे मां को खुश करने की लगती है होड़
भक्त झूमते हैं, तो राधे मां भी खुद को थिरकने से नहीं रोक पातीं हैं. भक्तों में राधे मां को खुश करने की होड़ बढ़ती जाती है. कुछ भक्त राधे मां के पैर दबाने लगते हैं, तो जिन भक्तों पर राधे मां ज्यादा मेहरबान होती हैं, वो भक्त राधे मां को गोद में उठाकर झूमने लगते हैं. ये सब चमत्कार की आस में होता है.
धनकुबेरों का लगा रहता है तांता
मुंबई में आलीशान आश्रम में रहने वाली राधे मां के आगे बॉलीवुड के स्टार्स से लेकर समाज के धनकुबेरों का तांता लगा रहता है. लेकिन आस्था के इस आडंबर के पीछे का सच क्या है ये कोई नहीं जानता. इस आडंबर के पीछे छोटी सी कहानी है. एक ऐसी कथा जिसके तार पंजाब के होशियारपुर के साधारण से परिवार से जुड़ा हुआ है.
रहस्यमयी और मायावी है दुनिया
पिछले 10 सालों में शोहरत के साथ राधे मां का साम्राज्य बढा है. लेकिन ये नाम, ये शोहरत, ये दौलत, ये भक्तों की भीड़ हमेशा से नहीं जुड़ी थी, राधे मां की दुनिया जितनी मायावी है, उतनी ही रहस्यमयी है उनकी राधे मां बनने की दास्तान. उनकी कहानी भारत-पाक सीमा पर बने छोटे से गाव दोरंगला से शुरु होती है.
शुरु से ही थी पूजा-पाठ में दिलचस्पी
एक साधारण परिवार में जन्मी राधे मां का असली नाम सुखविंदर हैं. घर वाले उन्हें प्यार से बब्बो कहते थे. बब्बो को शुरु से ही पूजा पाठ में दिलचस्पी थी. पढने मे भी बब्बो बहुत तेज थी. लेकिन परिवार वालों की मानें तो बब्बो में दैवीय शक्तियां शुरु से ही थीं. उनकी शादी सरदार मोहन सिंह से हो गई. इसके बाद वह दोरंगला से मुकेरिया आ गई.
राधे मां की जिंदगी ने ले लिया मोड़
मुकेरिया आऩे के बाद ही बब्बो की जिंदगी ने मोड़ लिया. राधे मां शिव आराधना मे लगी रहती थी. यहीं उनकी मुलाकात श्रीश्री 1008 महंत रामदीन दास से हुई और बब्बो ने उन्हें गुरु मान लिया. इसके बाद वो मुकेरिया से कब मुंबई पहुंच गईं और पिछले दस सालों में कब उनके हजारों भक्त हो गए पता नहीं चला.
झूमझूम कर नाचती हैं राधे मां
तमाम सवालों के बाद भी राधे मां का दरबार सजने का सिलसिला नहीं थमा. उनकी भक्ति में गाने गाए जाते हैं. वह झूमझूम कर नाचने लगती हैं, तो ऐसा लगता है पूरे माहौल में एक अजब सा जादू हो गया है. उनके तमाम भक्तों की मानो सोचने-समझने की शक्ति भी छीन ली है. एक तिलिस्म बरकरार है.