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अंजिक्य रहाणे ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया को रास्ता सुझाया है. वह चाहते हैं कि उनके बल्लेबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में तेज गेंदबाजों का मजबूत इरादों के साथ सामना करें. उपकप्तान रहाणे ने कहा कि एक विशेष ‘एंगल’ (कोण) से की गई शॉर्ट पिच गेंदों को बल्लेबाज समझें, जो वेलिंग्टन में पहले टेस्ट मैच में उनके लिए दु:स्वप्न बन गई थी. सीरीज का दूसरा टेस्ट क्राइस्टचर्च में 29 फरवरी से खेला जाएगा.
रहाणे ने पहले टेस्ट की पहली पारी में सर्वाधिक 46 रन बनाए थे और उन्होंने उम्मीद जताई कि हेगले ओवल की पिच पर घास होने के बावजूद उनकी टीम वापसी करेगी. रहाणे ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें अधिक आक्रामक होना चाहिए, लेकिन मजबूत इरादे और स्पष्ट मानसिकता से हमें मदद मिलेगी.’
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजो ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और काइल जेमिसन ने वेलिंग्टन में क्रीज के बाहरी छोर से एक विशेष ‘एंगल’ (कोण) के रनअप से शॉर्ट पिच गेंदें की थीं, जिसे भारतीय बल्लेबाज नहीं समझ पाए थे. रहाणे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वेलिंगटन में उन्होंने उस ‘एंगल’ (कोण) का बहुत अच्छा इस्तेमाल किया. उन्होंने क्रीज के बाहरी छोर से या बीच से गेंदबाजी की. शार्ट पिच गेंद करते समय वे अपना ‘एंगल’ बदल रहे थे. मेरा मानना है कि उनकी रणनीति स्पष्ट थी.’
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भारतीय उपकप्तान ने कहा, ‘एक बल्लेबाज के रूप में अगर आप किसी खास शॉट के बारे में सोचते तो आपको खुद पर भरोसा रखकर वह शॉट खेलना चाहिए. आप खुद पर संदेह नहीं कर सकते. वेलिंग्टन में जो कुछ हुआ, हमें उसे भूलने की जरूरत है.’ रहाणे के अनुसार भारतीय बल्लेबाज यहां दोनों अभ्यास सत्र में उस कोण से की गई गेंदबाजी का सामना करने की कोशिश करेंगे जिसका इस्तेमाल नील वैगनर और उनके साथी कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैंने यही कहता हूं कि कोशिश करो और एक टीम के रूप में हमने जो गलतियां कीं उनसे सबक लो. हमें उस कोण से की गई गेंदों का अभ्यास करना होगा. हमने अभ्यास सत्र में भाग लिया और मैच से पहले एक और अभ्यास सत्र में हिस्सा लेंगे. आपको उसका अभ्यास करना होगा और क्रीज पर अपनी क्षमता पर भरोसा दिखाना होगा.’
चेतेश्वर पुजारा की पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 81 गेंदों पर 11 रन बनाने के लिए कड़ी आलोचना की गई. रहाणे ने इस बारे में कहा, ‘पुजारा अपनी तरफ से कोशिश कर रहे थे. वह असल में रन बनाने पर ध्यान दे रहे थे, लेकिन बोल्ट, साउदी और अन्य गेंदबाजों ने ज्यादा मौके नहीं दिए. यह सभी बल्लेबाजों के साथ होता है. मेरे कहने का मतलब है कि सभी बल्लेबाज इस दौर से गुजरते हैं.’