
भारतीय क्रिकेट टीम की दीवार कहे जाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली को नसीहत दी है कि टीम की जीत में सिर्फ टैटू वाले खिलाडियों का ही योगदान नहीं होता. टीम उस खिलाड़ी के दम पर भी मैच जीतती है, जिसके शरीर पर टैटू नहीं होते. जीत के लिए यह जरूरी नहीं है कि खिलाड़ी माचोमैन की तरह दिखे.
राहुल द्रविड़ ने एक साहित्य महोत्सव के दौरान कहा ‘विराट कभी-कभी ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से पहले उनका बयान पढ़कर मुझे उनमें आक्रामकता नजर आई. लेकिन अगर वह विपक्षी टीम के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं. अक्सर किसी भी सीरीज से पहले मैं उनके ऐसे स्टेटमेंट पढ़ता हूं.’
राहुल द्रविड़ ने हालांकि यह कहते हुए विराट कोहली का बचाव भी किया कि ‘मैं कभी टैटू वाले विराट जैसा नहीं हो सकता. मैं कभी उनकी तरह हाथ पर टैटू नहीं बनवा सकता.’ इस दौरान उनसे कुंबले और विराट विवाद के बारे में भी पूछा गया इस पर द्रविड़ ने बड़ी ही चतुराई से जवाब दे दिया.
राहुल द्रविड़ ने कहा, कुंबले को कोच पद से इस्तीफा देना पड़ा वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण था. सार्वजनिक तौर पर यह सारी चीजें बाहर नहीं आनी चाहिए थीं. कुंबले आज भी लेजंड हैं. कुंबले के साथ जो हुआ वह असम्मानजनक था.
द्रविड़ ने कहा कि जो भी कुंबले के साथ हुआ, वह ठीक नहीं था. सच्चाई क्या है और ड्रेसिंग रूम में क्या हुआ मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि जो भी हुआ दुर्भाग्यपूर्ण था और विशेषकर अनिल जैसे व्यक्ति के साथ.
द्रविड़ ने कहा कि आज के दौरे में कोच और कप्तान के बीच विवाद आम बाद हो गई है. कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि वे एक दूसरे से असहमत होते है. मेरे साथ भी ऐसा हो सकता है मैं भी अंडर-19 को कोच हूं. वहीं, महेंद्र सिंह धोनी के रिटायरमेंट के बारे में उन्होंने कहा कि अगर सिलेक्टर उन्हें चुनते हैं तो वह जब तक चाहें खेल सकते हैं.