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बंगलुरू में माउंट कार्मिल कॉलेज में बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल
गांधी की तब फजीहत हो गई, जब उन्होंने मौजूद स्टूडेंट्स से पूछा कि क्या
स्वच्छ भारत मिशन ठीक से काम रहा है तो छात्राओं ने जवाब दिया-हां. राहुल
को इस जवाब की उम्मीद नहीं थी और वे यह जवाब सुनकर सकपका गए.
मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार सिर्फ सिर्फ एक आदमी के हाथ में है. एक ही शख्स सारे फैसले लेता है. जबकि अगर आप जनता से जुड़ना चाहते हैं, जनता की भलाई चाहते हैं तो उसकी सुननी पड़ेगी.'
महिलाओं की सुरक्षा और अधिकार पर चर्चा
राहुल गांधी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या ये है कि महिलाओं को वो जगह अब तक नहीं मिल पाई है जिसकी वो हकदार हैं. उन्होंने कहा, 'आज अगर एक लड़की पब में जाती है तो उसे प्रताड़ित किया जाता है क्योंकि वह पब जा रही है. किसी का शारीरिक और मानसिक शोषण करना गलत है और यह इस देश में स्वीकार्य नहीं है.'
'सरकार वादों से दूर भाग रही है'
सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि कुछ दिन पहले ही 15 बड़े निवेशकों से मिले थे. लेकिन जब उन्होंने मोदी सरकार के बारे में उनसे बात की तो निवेशकों का गुस्सा सामने आया. कोई उनसे खुश नहीं है. सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के पैसे में कटौती कर रही है और अपने वादों से दूर भाग रही है.
उन्होंने एफटीआईआई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सरकार किसी से बात नहीं करना चाहती. FTII के छात्रों की बात नहीं सुनी गई. छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश की गई. उन्होंने दादरी में हिंसा, हरियाणा में दलित को जलाए जाने की घटना का भी जिक्र किया.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का काम करने का तरीका सही नहीं है. कांग्रेस पार्टी ऐसा GST बिल चाहती है जो देश के फायदे वाला हो.