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यूपी हार के बाद राहुल गांधी ने बदली रणनीति, कर्जमाफी का किया स्वागत...

उत्तर प्रदेश विधान सभा में करारी हार के बाद कांग्रेंस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा त्रिस्तरीय बदली रणनीति का असर दिखने लगा है. अब वे सिर्फ विरोध के लिए मोदी और भाजपा का विरोध करते नहीं दिखना चाहते. बल्कि सकारात्मक विपक्ष की भूमिका में दिखना चाहते हैं. ट्वीट के माध्यम से किया कर्जमाफी का समर्थन.

राहुल गांधी राहुल गांधी
कुमार विक्रांत
  • @k_vikrant_s,
  • 05 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

उत्तर प्रदेश विधान सभा में करारी हार के बाद कांग्रेंस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा त्रिस्तरीय बदली रणनीति का असर दिखने लगा है. यूपी में किसान कर्ज माफी का मुद्दा लेकर देवरिया से दिल्ली तक राहुल गांधी ने यात्रा निकाली. किसानों से मांग पत्र भरवाए. प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर मुलाकात भी की. चुनाव से पहले सपा से गठजोड़ के बावजूद पार्टी औंधे मुंह गिर पड़ी.

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उधर यूपी की सत्ता संभालने वाली योगी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में छोटे और सीमांत किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का फैसला लिया है. अखिलेश यादव से लेकर तमाम कांग्रेसी नेताओं ने भी योगी सरकार के इस फैसले की आलोचना की. खुद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इसे ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया.

कर्जमाफी के इस फैसले पर राहुल गांधी भी खामोश रहे और न ही उनके आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंटों पर कोई प्रतिक्रिया देखने को मिली. बुधवार सुबह जब राहुल संसद पहुंचे तो मीडिया ने उनसे कर्जमाफी परर सवाल पूछे. तब उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि कुछ देर रुकिए. उसके चंद मिनटों बाद ही राहुल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से धड़ाधड़ तीन ट्वीट आए. ट्वीट में उन्होंने कहा कि ये आंशिक कर्ज माफी है लेकिन यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. उन्होंने ये भी लिखा कि वे खुश हैं कि बीजेपी ये कदम उठाने को मजबूर हुई. अब आगे जरूरत है कि बीजेपी पूरे देश के किसानों के दर्द का ख्याल करे.

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राहुल ने बदली सियासी रणनीति
राहुल गांधी के योगी सरकार द्वारा कर्जमाफी किए जाने पर उनकी प्रतिक्रिया कुछ और ही सियासी संकेत दे रही है. अब वे सिर्फ विरोध के लिए मोदी और भाजपा का विरोध करते नहीं दिखना चाहते. बल्कि सकारात्मक विपक्ष की भूमिका में दिखना चाहते हैं. इससे पहले राहुल गांधी और कांग्रेस की रणनीति में हर मुद्दे पर मोदी और बीजेपी का विरोध ही सर्वोपरि रहता था.

आजतक ने पहले ही रणनीति का किया था खुलासा
गौरतलब है कि आजतक ने आपको पहले ही बताया था कि तमाम नेताओं ने यूपी चुनाव की बड़ी हार के बाद राहुल से रणनीति में बदलाव करने को कहा था. खुद राहुल गांधी ने भी माना था कि वे इस बारे में गंभीरता से विचार करेंगे. आजतक को राहुल गांधी के नजदीकी सूत्रों ने बताया था कि वे अब रणनीति में तीन अहम बदलाव करने जा रहे हैं.
1. हर बात पर मोदी और बीजेपी विरोध बंद किया जाए. पार्टी की भूमिका से जनता में सन्देश जाए कि कांग्रेस सकारात्मक विपक्ष के किरदार में है. 2. जल्दी ही संगठन में बदलाव कर उसे दुरुस्त किया जाए. अपनी बातों को मजबूती से नीचे तक पहुंचाया जाए.
3. कांग्रेस की मूल नीति में किसी धर्म विशेष की पार्टी दिखने के बजाय सर्वसमावेशी दिखना प्राथमिकता है. जनता के बीच यही छवि बरकरार रहनी चाहिए.

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ऐसे में रणनीति बदलाव के बाद यूपी में किसान कर्ज माफी के फैसले पर राहुल की ताजा प्रतिक्रिया को भी उसी सियासी संदर्भ में देखा जा रहा है. दूसरे बदलाव की बात खुद वे ही कहते हैं वे पार्टी के संगठन में बदलाव करेंगे. वहीं राहुल गांधी के करीबी सूत्रों का कहना है कि तीसरा बदलाव आपको वक्त पर नजर आएगा. कुल मिलाकर कहा जाए तो राहुल अब बदली रणनीति के साथ सियासी मैदान में फिर मोदी सरकार से लोहा लेने को तैयार हैं. हालांकि उनके सामने चुनौती तो रणनीति को धरातल पर अमल में लाकर जनता को खुद के साथ जोड़ने की है. जिसमें राहुल गांधी अपेक्षाकृत सफलता नहीं पा सके हैं.

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