
दरअसल 20 जनवरी 2014 को दिल्ली के रेल भवन पर इन सभी ने विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद इन पर सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था.
मामला 20 जनवरी 2014 से जुड़ा हुआ है. जिसमें रेल भवन पर सोमनाथ भारती के खिलाफ पुलिस द्वारा केस दर्ज करने के बाद ये धरना प्रदर्शन किया गया था. सोमनाथ भारती ने खिड़की एक्सटेंशन में रात के वक्त कुछ जगहों पर छापामारी की थी. भारती का दावा था कि वहां ड्रग्स जैसे धंधों के साथ-साथ वेश्यावृत्ति जैसे कुछ और गैरकानूनी काम थी चल रहे थे, जिसकी शिकायत वहां के स्थानीय नागरिकों से मिलने पर उन्होंने यह छापा डाला था.
सोमनाथ भारती का दावा था कि पुलिस ने उन शिकायतों को कुछ करने के बजाय उल्टा सोमनाथ भारती के खिलाफ ही केस रजिस्टर कर लिया. नाइजीरियन मून की कुछ महिलाओं ने सोमनाथ भारती के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई कि वह जबरन उनके घर में रात में घुसे और उनके साथ बदतमीजी की. इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद ही अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल से जुड़े नेताओं ने रेल भवन पर प्रदर्शन किया था.
केजरीवाल के अलावा इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मनीष सिसोदिया, राखी बिड़लान और सोमनाथ भारती पर आरोप तय कर दिए थे. वहीं, संजय सिंह और AAP के पूर्व नेता आशुतोष को आरोप से बरी कर दिया था. संजय सिंह ने इस मामले में कोर्ट से आरोप मुक्त होने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी कि उन्हें ही क्यों आरोप मुक्त किया गया है.