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रेलमंत्री सुरेश प्रभु बोले- चारधाम यात्रा को आसान बनाएगा रेलवे

रेलमंत्री ने कहा कि इस खूबसूरत क्षेत्र में रेल लाइन निर्माण के साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए चारधाम यात्रा करना सुगम और सुविधाजनक हो जाएगा.

रेलमंत्री सुरेश प्रभु रेलमंत्री सुरेश प्रभु
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:22 PM IST

आने वाले दिनों में बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री के लिए रेलगाड़ी में बैठ कर जाने का मौका मिलेगा. इस सपने को साकार करने के लिए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए बद्रीनाथ में आधारशिला रखी. साथ ही फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए 120.92 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई. फाइनल लोकेशन सर्वे में पहाड़ों का सर्वेक्षण जियोलॉजिकल मैपिंग हाइड्रो लॉजिकल मैपिंग और जियोफिजिकल सर्वे किया जाएगा. यह सर्वे 1 साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा और इसी के साथ इस इलाके में कहां-कहां पर रेलवे स्टेशन होंगे इसका भी निर्धारण कर लिया जाएगा.

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बद्रीनाथ धाम में रेलवे के फाइनल लोकेशन सर्वे की आधारशिला रखने के मौके पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ-साथ केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा कई स्थानीय नेता भी मौजूद रहे. इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए रेलमंत्री ने कहा कि इस खूबसूरत क्षेत्र में रेल लाइन निर्माण के साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए चारधाम यात्रा करना सुगम और सुविधाजनक हो जाएगा. प्रभु ने इस बात की भी घोषणा की कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में रेलवे का रिजर्वेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा.

भारतीय रेलवे की पीएसयू इकाई रेल विकास निगम लिमिटेड को उत्तराखंड में मौजूद चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ बरास्ता देहरादून और कर्ण प्रयाग तक रेलवे लाइन बिछाने के लिए इंजीनियरिंग सर्वेक्षण का कार्य सौंपा गया. प्रस्तावित रेल मार्ग हिमालय के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से गुजरेगा इस वजह से रेलवे पूरी तैयारी कर रहा है. चारधाम के लिए रेल लाइन बिछाने के काम को आगे बढ़ाने के लिए प्रारंभिक सर्वे किया जा चुका है. इस सर्वे के मुताबिक चार धाम को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए तकरीबन 45000 करोड़ का खर्चा आएगा.

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प्रस्तावित चार धाम रेल मार्ग के लिए अभी तक नजदीकी रेलवे स्टेशन डोईवाला और ऋषिकेश है. रेल विकास निगम द्वारा तैयार की जा रही एक दूसरी लाइन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग समुद्र तल से 400 से 825 मीटर की ऊंचाई वाली जगहों से होकर गुजरेगी, जबकि चार धाम के लिए प्रस्तावित रेल लाइन 2000 मीटर की ऊंचाई से होकर निकाली जाएगी. इस रेलवे लाइन में 61 सुरंगे बनाई जाएगी और इसके लिए जियोलॉजिकल सर्वे का काम काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.

रेल विकास निगम लिमिटेड ने रेल संपर्क परियोजना के लिए वर्ष 2014-15 में टोही इंजीनियरिंग सर्वेक्षण किया था. अक्टूबर 2015 में आई रिपोर्ट में डोईवाला और कर्णप्रयाग से इसे प्रारंभ करने की सिफारिश की गई थी.
- डोईवाला से प्रारंभ होने वाली 131 किलोमीटर लंबी गंगोत्री रेल लाइन, उत्तरकाशी होते हुए मनेरी (जोकि समुद्रतल से 1270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है) तक जाएगी.
- यमुनोत्री रेल लाइन, उत्तरकाशी स्थित गंगोत्री रेल लिंक से प्रारंभ होकर, Y (वाई) संपर्क निर्मित करते हुए 22 किलोमीटर की दूरी तय करके पलार (समुद्रतल से 1265 मीटर) पहुंचेगी.
- केदारनाथ को जाने वाली प्रस्तावित 99 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, कर्णप्रयाग से प्रारंभ होकर साईंकोट होते हुए सोनप्रयाग (समुद्रतल से 1650 मीटर) पहुंचेगी.
- बद्रीनाथ रेल लाइन साईंकोट स्थित केदारनाथ रेल लिंक से प्रारंभ होकर Y (वाई) संपर्क निर्मित करते हुए 75 किलोमीटर की दूरी तय करके जोशीमठ (समुद्रतल से 1733 मीटर) पहुंचेगी.

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टोही सर्वेक्षण के अनुसार, 327 किलोमीटर लंबी इस प्रस्तावित रेल लाइन पर 43,292 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. आरईसी सर्वेक्षण में इस रेल लाइन पर 21 नए रेलवे स्टेशन, 61 सुरंगें, (कुल सुरंग मार्ग 279 किलोमीटर) और 59 पुल बनाने की सिफारिश की गई है. अधिकतम 5 डिग्री के घुमाव वाली इस रेल लाइन का रूलिंग ग्रेडिएण्ट 80 में 1 है.

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