Advertisement

राजपूतों ने किया राजस्थान बंद का आह्वान, अमित शाह का दौरा भी प्रस्तावित

राजस्थान में भले ही गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार जबरन करा दिया गया हो. लेकिन उसके एनकाउंटर का बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. घबराई राजस्थान सरकार ने आनंदपाल के गांव सांवरदा में कर्फ्यू 18 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है. उधर, जयपुर में राजपूत सभा भवन लड़ाई का अखाड़ा बना हुआ है.

पुलिस ने जयपुर में राजपूत सभा भवन को भी घेर रखा है पुलिस ने जयपुर में राजपूत सभा भवन को भी घेर रखा है
परवेज़ सागर/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 15 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST

राजस्थान में भले ही गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार जबरन करा दिया गया हो. लेकिन उसके एनकाउंटर का बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. घबराई राजस्थान सरकार ने आनंदपाल के गांव सांवरदा में कर्फ्यू 18 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है. उधर, जयपुर में राजपूत सभा भवन लड़ाई का अखाड़ा बना हुआ है.

नाराज राजपूत समाज ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के 21-22 जुलाई के जयपुर दौरे के दौरान राजस्थान बंद का आह्वान किया है. इसके लिए राजपूत समाज के लोग जयपुर कूच करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि पुलिस किसी भी हाल में इसे रोकने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने शनिवार को राजपूत सभा भवन को चारों तरफ से घेर लिया. अंदर राजपूत नेता प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे.

Advertisement

जैसे ही पुलिस राजपूत सभा भवन में दाखिल हुई, वहां बवाल मच गया. करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा. आखिर में विवाद बढ़ता देखकर पुलिस पीछे हट गई. पुलिस यहां आंदोलन में शामिल राजपूत नेताओं को गिरफ्तार करने गई थी.

इससे पहले राजपूतों ने ऐलान कर दिया कि राजस्थान बंद और जयपुर कूच किया जाएगा. जब तक आनंदपाल के एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग सरकार नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. राजपूत नेताओं ने कहा कि सांवरदा में लोग भूखे-प्यासे तड़प पहे हैं, लेकिन मीडिया को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.

राजपूत नेताओं का आरोप है कि आनंदपाल एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों ने हिंसा भड़काई है, ताकि सरकार सीबीआई जांच की जो चिट्ठी सभा स्थल पर भेजने वाली थी, वो वहां तक नहीं पहुंचे.

राजपूतों का आरोप है कि सुबह दस बजे से शाम 6 बजे तक सभा शांति से चल रही थी. ऐसे में पुलिस ने ये अफवाह फैलाई कि पुलिसवालों को जिंदा जला दिया गया है. जबकि कहीं भी ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब राजपूत नेताओं के आरोपों का जवाब देने के लिए रविवार को पुलिस ने भी प्रेस कांफ्रेस बुलाई है.

Advertisement

इधर, 12 जुलाई को पुलिस फायरिंग में मारे गए लालचंद शर्मा का शव अभी भी मोर्चरी में पड़ा है. डर के मारे परिवार के लोग शव लेने नहीं आ रहे हैं. पुलिस का कहना है कि मृतक लालचंद के घरवालों को यहां आने के लिए मनाया गया है. इस बीच लालचंद शर्मा की मौत पर मुआवजे की मांग को लेकर राजस्थान ब्राह्मण महासभा ने आंदोलन का ऐलान किया है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement