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राजस्थान: लगातार कम हो रहा है निर्दलीयों का जादू, 2 बार बनवा चुके हैं सरकार

राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से करीब 10 फीसदी सीटों पर निर्दलीयों का प्रभाव रहा है. आइए जानते हैं प्रदेश की राजनीति में निर्दलीयों की कितनी अहम भूमिका रही है...

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक
  • जयपुर,
  • 06 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

राजस्थान में भले ही हमेशा से भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस का नेता मुख्यमंत्री बनता रहा हो, लेकिन प्रदेश की राजनीति में निर्दलीयों का खास योगदान रहा है. भारत के आजाद होने के बाद जब पहली बार राजस्थान में चुनाव हुआ तो भी जीतने वाले नेताओं में कई निर्दलीयों का नाम शामिल था. कई बार तो निर्दलीयों की वजह से ही सरकार बनी है और इस बार भी निदर्लीय नेता तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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बात साल 1993 की है, जब करीब एक साल राष्ट्रपति शासन लागू रहने के बाद राजस्थान में विधानसभा चुनाव हो रहे थे. इससे पहले भैरों सिंह शेखावत दो बार से प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. 15 दिसंबर 1992 को मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली हो गई थी. दिसंबर 1993 में हुए चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस से 0.33% ज्यादा वोट हासिल किए थे. उस वक्त बीजेपी को 38.60% और कांग्रेस को 38.27% वोट मिले थे.

उस दौरान 21 निर्दलीयों ने जीत हासिल की थी और निर्दलीयों की मदद से भैरों सिंह शेखावत ने सरकार बना ली. साल 2008 में भी कांग्रेस को 36.82% और बीजेपी को 34.27% वोट मिले थे. उस वक्त कांग्रेस ने निर्दलीयों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. इसलिए प्रदेश में हमेशा से निर्दलीयों ने कई सीटों पर कब्जा किया है. वहीं इस बार भी निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल तीसरे मोर्चे के साथ मैदान में है.

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हालांकि प्रदेश की राजनीति में दूसरे उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ने वाले निर्दलीयों की संख्या में लगातार कमी नजर आ रही है.

साल-1951

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 230

विजयी- 35

साल-1957

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 324

विजयी- 32

साल-1962

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 390

विजयी- 22

साल-1969

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 434

विजयी- 16

साल-1972

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 355

विजयी- 11

साल-1977

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 728

विजयी- 5

साल-1980

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 750

विजयी- 12

साल-1985

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 995

विजयी- 10

साल-1990

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 2136

विजयी- 9

साल-1993

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 1506

विजयी- 21

साल-1998

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 604

विजयी- 7

साल-2003

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 556

विजयी- 13

साल-2008

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 1023

विजयी- 14

साल-2013

कुल निर्दलीय उम्मीदवार- 758

विजयी- 7

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