
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी की ताजपोशी की तैयारी पूरी कर ली गई है. आपको बता दें कि लोढ़ा कमेटी के सिफारिशों को लागू करने के बाद ललित मोदी को आरसीए के अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा था मगर राजस्थान क्रिकेट के नियमों के तहत चाहकर भी ललित मोदी अपने बेटे रुचिर मोदी को अपनी जगह अध्यक्ष नहीं बनवा पा रहे थे.
आपको बता दें कि ललित मोदी ने अपने बेटे की गुपचुप एंट्री अलवर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में करवा दी थी. रुचिर मुंबई से आकर अलवर क्रिकेट के निर्विरोध अध्यक्ष तो बन गए मगर वे राजस्थान क्रिकेट के नियमों के तहत राज्य के एसोसिएशन के अध्यक्ष पर नहीं बैठ पा रहे थे.
रुचिर को यह पद दिलाने की खातिर आरसीए ने आमसभा बुलाकर संविधान संसोधन ही कर दिया है. संविधान के मुताबिक राज्य के क्रिकेट के मुखिया पद के लिए जरुरी था कि वो राजस्थान का मूल नागरिक हो और कम से कम चार साल तक किसी जिले के क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहा हो. आरसीए ने ये दोनों ही नियम हटा दिेए हैं. अब रुचिर मोदी आसानी से अपने पिता की जगह राजस्थान क्रिकेट के अध्यक्ष पद चुनाव लड़ सकते हैं. जिस तरह से पूरी जिला क्रिकेट ईकाई ने मिलकर नियमों में बदलाव किए हैं उससे साफ है कि रुचिर मोदी को चुनाव जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी.
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव सोमेंद्र तिवाड़ी का कहना है कि आमसभा लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू कहने के लिए बुलाया गया था और राजस्थान लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें पूरी तरह से लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. कहा जा रहा है कि ललित मोदी किसी भी सूरत में राजस्थान क्रिकेट पर अपना दबदबा नहीं छोड़ना चाहते हैं. पहले लंदन में बैठ कर राजस्थान क्रिकेट को चलाते थे और अब अपने बेटे के जरिए चलाएंगे.