
अजेय भूमी राजसमंद का कुंभलगढ़ विधानसभा क्षेत्र राजस्थान की ऐतिहासिक और राजनीतिक परिपेक्ष्य में अलग वजूद रखता है. मेवाड़ साम्राज्य के राजा राणा कुम्भा द्वारा निर्मित सामरिक दृष्टि से अभेद्य कुंभलगढ़ दुर्ग इसी स्थान पर है. राजपुताना शौर्य के प्रतीक महाराणा प्रताप का जन्म भी इसी किले में हुआ था. कुंभलगढ़ विधानसभा का प्रतिनिधत्व राजस्थान में कांग्रेस के स्तंभ रहे पूर्व मुख्यमंत्री हीरालाल देवपुरा इस सीट से 6 बार कर चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि कुंभलगढ़ विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हुए देवपुरा कई अहम पदों पर रहें और इस विधानसभा को एक अलग पहचान दिलाई. लेकिन साल 1993 में देवपुरा बीजेपी के सुरेंद्र सिंह राठौर से चुनाव हार गए, तो वहीं 1998 में फिर वापसी की. जिसके बाद से एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी इस सीट पर काबिज होती रही.
राजसमंद में चार विधानसभा सीटें- भीम , कुंभलगढ़, राजसमंद और नाथद्वारा है. कुंभलगढ़ विधानसभा संख्या 174 की बात करें तो यह सामान्य सीट है. 2011 की जनगणना के आधार पर इस विधासभा की आबादी 2,64,513 है, जिसका 90.95 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 9.05 प्रतिशत हिस्सा शहरी है. जबकि कुंभलगढ़ की कुल आबादी का 12.72 फीसदी आबादी अनुसूचित जाती है और 20.43 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति है. साल 2017 में जारी वोटर लिस्ट के आधार पर इस विधानसभा में 2,01,644 मतदाताओं के साथ 240 पोलिंग बूथ हैं. साल 2013 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 71.81 फीसदी और साल 2014 की लोकसभा चुनावों में 55.49 फीसदी मतदान हुआ था.
2013 विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
साल 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सुरेंद्र सिंह राठौर नें कांग्रेस के विधायक गणेश सिंह परमार को पराजित किया. बीजेपी के सुरेंद्र सिंह राठौर को 73402 मत और कांग्रेस के गणेश सिंह परमार 45796 मत प्राप्त हुए. सुरेंद्र सिंह राठौर तीसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए.
2008 विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
साल 2008 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के गणेश सिंह परमार ने 50193 मत प्राप्त कर बीजेपी के सुरेंद्र सिंह राठौर को मात दी. सुरेंद्र सिंह राठौर को 46019 मत प्राप्त हुए थे.