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राजस्थान के जोधपुर में एक लड़की ने बचपन में ही हुई शादी खत्म करने का फैसला लिया है जिसके बाद पंचायत ने उस पर कथित रूप से 16 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगा दिया है. साथ ही उसके परिवार के बहिष्कार का आदेश दिया है.
लुनी तहसील में रोहिचान खुर्द गांव की रहने वाली शांता देवी मेघवाल जब महज 11 महीने की थीं तभी उनकी शादी कर दी गई थी.
शांता देवी ने कहा, 'शादी खत्म करने के मेरे फैसले से मेरे ससुरालवाले चिढ़ गए और उन्होंने कई तरह की धमकियां देकर इस शादी को कायम रखने के लिए हम पर दबाव डालने की हर तरकीब अपनाई.' उन्होंने कहा, 'जब मैं नहीं मानी, तब पंचायत ने हम पर 16 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और मेरे परिवार का बहिष्कार कर दिया.'
शांता देवी फिलहाल स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं. उन्हें तीन साल पहले अपने बाल विवाह के बारे में पता चला था. कानूनी कार्रवाई के लिए उन्होंने सारथी ट्रस्ट से संपर्क किया है.
सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी कृति भारती ने कहा, 'हम जहां जाति पंचायत के सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए तैयारी कर रहे हैं, वहीं उसके ससुराल वालों को इस शादी को खत्म करने के वास्ते राजी करने की कोशिश भी कर रहे हैं.'
शांता देवी के पिता और राजमिस्त्री का काम करने वाले पद्मराम ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी बेटी पढ़े-लिखे और गलत सामाजिक प्रथाओं को त्यागकर समाज के लिए पथ प्रदर्शक बने.
भाषा से इनपुट