
शहीद और मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजे गए धर्माराम की मूर्ति का अनावरण गुरुवार को उनके पैतृक गांव धर्मासर में हुआ. देश के सेनाध्यक्ष विपिन रावत सहित कई नेता शहीद धर्माराम की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे. इस कार्यक्रम के बाद शहीद के परिजनों ने कहा कि किसी ने भी उनसे उनकी समस्याओं के बारे में नहीं पूछा. सब आए और फोटो लेकर चले गए.
बता दें, धर्माराम जम्मू कश्मीर में दहशतगर्दो का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे. राजस्थान के बाड़मेर के माटी के लाल धर्माराम को मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा गया. वहीं, गुरुवार को उनके पैतृक गांव धर्मासर में उनकी मूर्ति का अनावरण भी किया गया.
इस मौके पर देश के सेनाध्यक्ष विपिन रावत ने शहीद के परिवार के लोगों से मिलकर संवेदनाएं व्यक्त की, लेकिन परिवार से उनकी मूलभूत सुविधाओं को लेकर कुछ नहीं पूछा गया. शहीद के परिवार का कहना है कि गांव में सड़क नहीं है, जिसके चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. शहीद की पत्नी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर चुकी है, लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही.
गांव में आज भी पीने के पानी के लिए टैंकर मंगवाना पड़ता है. इससे पहले भी कई नेता आए वादे करके चले गए, लेकिन अभी तक हालत जस के तस हैं
शहीद की पत्नी के मुताबिक, मूर्ति के अनावरण में भी कई नेता आए थे, लेकिन किसी ने भी मुझसे पूछा नहीं की दिक्कत क्या है. सब फोटो खिंचवाए और चले गए. शहीद की पत्नी के अनुसार, आज हम राजस्थान के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इंतजार कर रहे थे. वो आतीं तो उनको अपना दुख बताते, लेकिन वो नहीं आईं.
शहीद के भाई के अनुसार, हमें मूलभूत सुविधाओं को लेकर दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. आज मुझे अच्छा लगा की सेना प्रमुख आए, लेकिन किसी भी भी हमसे समस्याओं के बारे में नहीं पूछा.